Book Title: Buddh Vachan
Author(s): Mahasthavir Janatilok
Publisher: Devpriya V A

View full book text
Previous | Next

Page 43
________________ - २२ - लोभ है, दुराचरण का मूल कारण द्वेप है, दुराचरण का मूल कारण मोह है। म. ९ भिक्षुओ, सदाचरण क्या है ? १ जीवहिसा न करना सदाचरण है २ चोरी न करना सदाचरण है ३ काम भोग सम्वन्धी मिथ्याचरण न करना सदाचरण है ४ झूठ न बोलना सदाचरण है ५ चुगली न करना सदाचरण है ६ कठोर न बोलना सदाचरण है ७ फ्जूल न बोलना सदाचरण है ८ अ-लोभ सदाचरण है ९ अ-द्वेप सदाचरण है १० सम्यक्-दृष्टि सदाचरण है भिक्षुओ, सदाचरण का मूल कारण क्या है ? सदाचरण का मूल कारण लोभ का न होना है, सदाचरण का मूल कारण द्वप का न होना है, सदाचरण का मूल कारण मोह का न होना है। ____ और भिक्षुओ, जो आर्य-श्रावक दुख को समझता है, दुख के समुदय को समझता है, दुःख के निरोव को समझता है, दुख के निरोध की ओर ले जाने वाले मार्ग को समझता है, वह इस समझ के कारण सम्यक्-दृष्टि वाला होता है। स २१-५ भिक्षुओ, यदि कोई कहे कि मै तव तक भगवान् (बुद्ध) के उपदेश के अनुसार नही चलूंगा, जब तक कि भगवान् मुझे यह न बता देगे कि ससार शाश्वत है, वा अशास्वत, ससार सान्त है वा अनन्त, जीव वही है जो शरीर है वा जीव दूसरा है, शरीर दूसरा है, मृत्यु के बाद तथागत रहते है, वा मृत्यु के वाद तथागत नही रहते-तो भिक्षुओ, यह वाते तो तयागत के द्वारा वे-कही ही रहेगी और वह मनुष्य यूं ही मर जायगा।

Loading...

Page Navigation
1 ... 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93