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[१६] रभी देव द्रव्य संबंधी सर्व शंकाओंका समाधान व साधारण द्रव्य. की वृद्धि के लिये उपायवगैरह बहुतबातोंके खुलासे समाधान 'देव. दन्य निर्णय' नामा पुस्तकमें लिखनेमे आवेंगे.
निवेदन और उपकार. इसग्रंथकी कोईबात समझमें न मावे, या वांचते २ कोई शंका हो, तो इस ग्रंथके कर्ताको लिखकर खुलासा मंगवानेका सषको हक है, ग्रंथ संबंधी सब तरहका जवाबदार लेखक है.
इस ग्रंथमें अनुमान ३०० शास्त्रोके प्रमाण बतलाये गये हैं, इस ग्रंथके बनवाने संबंधी शास्त्रों के संग्रह करने वगैरहमें, श्रीमान् जिनयशसूरिजीमहाराज, श्रीमान् शिवजीरामजीमहाराज, श्रीमानजिन चारित्रसूरिजीमहाराज,श्रीमान् कृपाचंद्रसूरिजीमहाराज, पन्यासजी श्रीमान् केशरमुनिजीमहाराज,पं०श्रीमानगुमानमुनिजीमहाराज और कलकत्तानिवासी उ.श्रीमानुजयचंद्रजीगणि व रायबहादुर बद्रीदास जीजौहरीवगैरहोंने जो जो मदतदीहै, उनका मैं उपकार मानता हूं.
संवत् १९७८ वैशाख शुदी ३. हस्ताक्षर मुनि-मणिसागर. बिनाकिंमतभेटसे पुस्तक मिलनेके नाम व स्थान. यहन्थ एकहजार पृष्ठकापडाहोनेसे दो विभागमें प्रकटकियाहै. १ बृहत्पर्युषणा निर्णय पूर्वार्द्ध, प्रथम-दूसरा खंड. २ बृहत्पर्युषणा निर्णय उत्तरार्द्ध, तीसरा खंड. ३ लघुपर्युषणा निर्णयका प्रथम अंक. ४ प्रश्नोत्तर विचार. ५-६-७ प्रश्नोत्तर मंजरीके १-२-३ भाग. ८-९ हर्षहृदय दर्पण १-२ भाग. १० आत्मभ्रमोच्छेदन भानुः.
यह ग्रन्थभी छपनेवाले हैं. १ देवद्रव्यनिर्णय. २ न्यायरत्न समीक्षा. ३ प्रवचनपरीक्षा निर्णय. १ श्रीमद् अभयदेवलार प्रन्थमाला कार्यालय, ठे० श्रीजैनश्वेतांबर
मित्रमंडल केनिंगस्ट्रीट नं. २१, मु०-कलकत्ता. २ श्रीमद् अभयदेवसूरि ग्रन्थमाला कार्यालय, ठे० षडा उपाश्रय
देश-मारवाड, मु०-बीकानेर. ३ श्रीजिनदत्तसूरिजी शानभंडार, ठे० गोपीपुरा-शीतलवाडी
देश-गुजरात, मु०-सुरत. ४ जौहरी मामल्लजी धनपतसिंहजी भणशाली, सुंदरबील्डिंग
ठे० फतहपुरी, मु०- दिल्ली.
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