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दृष्टांत : १७९ आवणौ कठिन है। इम कहीनै वले उपदेश देवा लागा-जावजीव सील आदर लै, जोड़ लै हाथ । इतलै खेतसीजी स्वामी बोल्या-'जोड़ लै-जोड़ लै, हाथ जोड़ लै'', स्वामीजी केवै है । जद हाथ जोड्या।
स्वामीजी पूछ्यौ सील अदराय देऊ । इम दोय वार पूछ्यौ।
जद हेमजी स्वामी बोल्या अदराय देवी। जद स्वामीजी जावजीव पंच पदां री साख कर त्याग कराय दीया।
हेमजी स्वामी बोल्या-- अब सरीयारी बेगा पधारजो। ___ जद स्वामीजी बोल्या-अबारू तो हीरांजी नै मेलां हां, साध रौ पड़िकमणौ परहौ सीखजै । इम कहिनै नींबली मैं आया।
ए सर्व बात ऊभां कीधी। नीबली मै आंयां पछ हेमजी स्वामी कनै मिठाइ थी, तेहनौ बारमौ व्रत नीपजायो।
० आप बड़ो भारी काम कीधौ भारमलजी स्वामी ने स्वामीजी कह्यौ। अब थारै नचीताई थई । आगै तौ म्हे हा, अनै अबै पाखंड्यां सू चरचादिक रौ काम पड़े तौ हेमजी है ईज । हेमजी स्वामी बोल्या-म्हैं सील आदर्यो ते बात अबारू लोकां मैं प्रसिद्ध न करणी।
जद स्वामीजी बोल्या हूं न करू । हेमजी स्वामी तौ सरीयारी आया नै स्वामीजी चेलावास पधाऱ्या। बैणीरांमजी स्वामी ने सर्व बात कही। हेमजी शील आदर्यो, पिण कह्यौ-बात प्रसिद्ध न करणी। बैणीरांमजी स्वामी सुणनै घणां राजी हुवा। स्वामीजी ने घणां प्रशंस्या-आप बड़ी भारी कीधी । म्हैं घणी ई खप कीधी, पिण कांइ टब लागी नहीं, आप आछी कीधी । अनै सील आदर्यो ते बात प्रकट करणी, छांने न राखणी। आप भलाई मत कहो।
बैणीरांमजी स्वामी बात प्रसिद्ध कर दीधी। चेलावास रा बाई भाई राजी घणां हूआ । म्हे तो पहिला इ जाणता हा हेमजी दिख्या लेसी।
___० गाम में कुंवारा डाबरा घणा इ पछै स्वामीजी सरीयारी पधाऱ्या । हेमजी स्वामी वनोला जीमै । महा सुदि १३ शनैशर वार दिख्या रौ महूर्त ठहरायौ। पछै बाबा रौ बेटौ भाई रावल जाय पुकार्यो। ____ जद ठकुरांणी स्वामीजी नै चाकरां साथै कहिवायौ-गाम मै रहिजो मती।
जद गांम रा पंच भेळा हौयनै हेमजी स्वामी ने साथ लेई रावळे गया !
जद ठकुराणी हेमजी नै गैहणा कपड़ा सहित देखनै बोला हूं तीनै यं का १. जोड़ ले (क्वचित)।