Book Title: Bhikkhu Drushtant
Author(s): Jayacharya, Madhukarmuni
Publisher: Jain Vishva harati

View full book text
Previous | Next

Page 351
________________ ३२२ भिक्खु दृष्टांत गुदड़ी लैहर रामत खेल . राली रावळीया रावल (खेल करने वाली एक जाति) रीराटा करती सुबकती हुई लचकाणी पड़नै लज्जित होकर लांक सहित मुड़ा हुआ लातरियो सकपका गया लाहौ लाभ आक्रोश वतुओ बात करने वाला वाय र वंग वायु के वेग की तरफ वावरना काम में लेना वासती एक प्रकार का खद्दर का वस्त्र व्यावट विवाह के अवसर पर तैयार की गई फड़दी १० विरवी महामारी/अकाल विश्वर निन्दात्मक कविता विष्टालो समझौता संकड़ा संयमित साइदार साक्षी साऊ अच्छा/ठीक साजी अखण्ड सिज्यातर जिसके मकान में चरित्रात्मा का रात्रि प्रवास हो सीजारौ भागीदारी/साझेदारी १०६ सींदरा रस्सियां २५३ सीतंगियो सन्निपात से पीड़ित २७० नियम/त्याग हलवाणी लोह की छड़ २०५ १४० १२१ ३०१ २८० हेम. २१ श्रावक.२० हेम. १६ २४८

Loading...

Page Navigation
1 ... 349 350 351 352 353 354