Book Title: Balbodh Jain Dharm Part 01
Author(s): Dayachand Goyaliya
Publisher: Daya Sudhakar Karyalaya

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Page 10
________________ __; पातो छानकर पिओ शरीर साफ रखो। सुगन्ध ( खुशबू) और दुर्गंध (बदबू ) का ज्ञान हो जैसे-गुलाब कवड़ेके फूलोंसे सुगन्ध और मिट्ट तैसे दुर्गंध आती है। वक्ष इन्द्रिय--उसे कहते हैं जिससे काले, चार नीले. लाल, सफेद रंगका तथा उन रंगोंक गोरो बने हुए तरह तरहके रंगोंका ज्ञान हो। जैकर दही. चांदी सफेद है, कोयला काला और मन लाल है, सोना पीला और मोरका कर्णन्द्रिय--उसे कहते हैं जिनसे आदमी तथा वाजवाहकी आवाज जान जाय। _

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