Book Title: Atmamimansa Author(s): Dalsukh Malvania Publisher: Jain Sanskruti Sanshodhan Mandal Banaras View full book textPage 8
________________ ७१-१३३ (४) मोक्ष का स्वरूप (५) मुक्तिस्थान (६) जीवनमुक्ति-विदेहमुक्ति २-कर्म विचारणा १ कर्म विचार का मूल २ कालवाद ३ स्वभाववाद ४ यदृच्छावाद ५ नियतिवाद ६ अज्ञानवादी ७ कालादि का समन्वय ८ कर्म का स्वरूप (अ) नैयायिक-वैशेषिकों का मत (आ) योग और सांख्यमत (इ) बौद्ध मत (ई) मीमांसकों का मत ९ कर्म के प्रकार १० कर्मबन्ध का प्रबल कारण ११ कर्मफल का क्षेत्र १२ कर्मबन्ध और कर्मफल की प्रक्रिया १३ कर्म का कार्य अथवा फल १४ कर्म की विविध अवस्थाएँ १५ कर्मफल का संविभाग ... १३१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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