Book Title: Arthashastra aparnama Rajsiddhanta
Author(s): Kautilya Acharya, 
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 8
________________ आचार्य कौटल्यकृत अर्थशास्त्र - अपरनाम - राजसिद्धान्त ( मुग्धविलासाङ्क आचार्य योग्यमविरचित नीतिनिर्णीतिनाम्नी व्याख्या समन्वित तथा बहुविध प्राचीन टिप्पनकसंयुक्त) [ कतिपय त्रुटित अंशमात्र ] देवनागर लिपिलिखित - सर्वथा अद्वितीयखरूप - प्राचीनतम ताडपत्रीय पुस्तकाधारेण संपादनकर्ता मुनि जिन विजय ( प्रोफेसर श्री दामोदर धर्मानन्द कोसंबी लिखित प्रास्ताविक निबन्धयुक्त ) 146922 विक्रमाब्द २०१५ ] ग्रन्थांक ४७ ] Jain Education International 55 प्रकाशनकर्ता अधिष्ठाता, सिंघी जैन शास्त्र शिक्षा पीठ भारतीय विद्याभवन, बम्बई प्रथमावृत्ति सर्वाधिकार सुरक्षि भाभवन अ बंबई For Private & Personal Use Only [ ख्रिस्ताब्द १९५९ [ मूल्य रु० ४/४० www.jainelibrary.org

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