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काम क्रोध मद लोभ की, जब लग मन में खान । तब लग पंडित मूरख ही, कबीर एक समान ॥
सच्ची शिक्षा वह है, जो दोषों को दूर करे एवं सद्गुणों का आरोपण करे । जीवन को सुखी बनाने का केवल यही एक उपाय है।
सच्ची शिक्षा वह है, जो दोषों को दूर करे एवं सद्गुणों का आरोपण करे । जीवन को सुखी बनाने के लिये केवल यही एक उपाय है । माता-पिताओं, अध्यापकों, आचार्यों तथा शिक्षामंत्रीओ को मिलकर व्यक्ति, समाज और देश के हित के लिये
यह उपाय अपनाना चाहिये और उनकी हितेच्छुता को साबित कर देना चाहिये । (मूल गुजराती से अनुवादित)
समस्त युनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल एवं नर्सरी के
आचार्य उप आचार्य एवं प्राध्यापकों से हमारी नम्र विज्ञप्ति है कि आप प्रतिदिन एक पिरियड या कम से कम प्रार्थना के साथ साथ धर्मोपनिषद् का अध्ययन हो ऐसा प्रबन्ध करें ।
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