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फिजीसियन मारगेरेट हास्पिटल ब्रामले) - मांस अप्राकृतिक भोजन है । इसीलिए शरीर में अनेक उपद्रव करता है। मांसाहारी लोग केन्सर, क्षय, ज्वर, पेट के कीडे आदि भयानक रोगो से अधिक पीडित होते है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि मांसाहार उन भयानक रोगों के कारणों में से एक कारण है, जो १०० में से ९९ को सताते है। सिलपेस्टर, ग्रेहम, ओ. एस. फौल्डर, जे.एफ न्यून, जे० स्मिथ डा. ओ.ए. अलक्ट हिडकलेन्ड, चीन, लेम्ब वकान, ट्रजी, ओलास, पेम्बरटर्न, हाईटेला इत्यादि कई डाक्टरों, प्रवीण चिकित्सकों ने अनेक दृढतर प्रमाणों से सिद्ध किया है कि मांस-मछली खाने से शरीर अनेक रोगों का घर बन जाता है। यकृत, यक्ष्मा, राजयक्ष्मा, मृगी, पादशोथ, वातरोग, संधिवात, नासूर, क्षयरोग आदि रोग उत्पन्न होते है। उन्होंने प्रत्यक्ष देखा है कि मांस-मछली खाना छोड देने से मनुष्य के उत्कट रोग समूल नष्ट हो जाते है व वे हृष्ट-पुष्ट हो जाते है । डॉ. एस. ग्रहेमन, डब्ल्य एस. फलर, डॉ. पार्मली लेम्ब, क्यानिस्टर बेलर, जे. पोर्टर, ए.जे.नाइट और जे. स्मिथ इत्यादि डॉक्टर स्वयं मांस खाना छोड़ देने पर यक्ष्मा, अतिसार, अजीर्णता और मृगी रोगो से विमुक्त होकर सबल और परिश्रमी हुए है। इसी प्रकार उन्होंने अन्य रोगियों को मांस खाना छुडाकर अच्छा तंदुरस्त किया है एवं कई डाक्टरों ने अपने परिवार में मांस खाना छुडा दिया है । डॉ. केलोग - विज्ञान की दृष्टि से तपास करने पर सिद्ध हुआ है कि यह बात बिल्कुल झूठ है कि 'गाय का मांस शक्ति प्रदान करता है' । वास्तव में मांसाहार निर्बलता का शिकार बनाता है और उससे जो नाइट्रोजीनस पदार्थ उत्पन्न होता है, वह स्नायुजाल पर जहर का काम करता है। डॉ. डौग्लास मेकडोनाल्ड - मांसाहार से युरीक एसिड की वृद्धि होती है, यतः नासूर का दर्द लागू होता है । डॉ. विलियम्स रोबर्ट (मिडले सेक्स केन्सर अस्पताल) - मांसाहार से इस रोग की वृद्धि आंकडों से साबित हुई है। डॉ. सर जेम्ब सोयर (M.D.ER.C.P.) - मेरे गहरे अनुभव के बाद यह सिद्ध हुआ है कि इंग्लैंड में मांसाहार के बढने से नासूर का दर्द फैला है ।
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