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नरकाध्वनि पाथेयं कोऽश्नीयात् पिशितं सुधीः ? मांस तो नर्क के पथ का पाथेय है, कौन बुद्धिमान उसे खाना चाहेगा ?
इस प्रकार हम देख सकते है, कि सभी धर्मो ने जीवदया का उपदेश दिया है और मांसाहार का निषेध किया है। कल्याण के अभिलाषीओं का कर्तव्य है कि इस उपदेश का दृढतापूर्वक अनुसरण करें।
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