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जैन संस्कृति की सार्वभौमिकता के संवाहक
. 49 सुनाये और प्रार्थना की कि इन स्वप्नों का फल बताने की कृपा करें। आचार्य भद्रबाहु बोले-"ये स्वप्न अच्छे नहीं हैं ! ये सूचित करते हैं कि भविष्य खोटा होगा। किन्तु इसी स्थिति का चिन्तन अच्छे पुरुषों में वैराग्य उत्पन्न करेगा। स्वप्नों का फल क्रम से इस प्रकार है :
1. डूबते हुए सूर्य का अर्थ है कि पंचम काल में श्रुतज्ञान अस्त होता चला __ जायेगा। 2. कल्पवृक्ष की शाखा टूटने का अर्थ है कि आगे से राजपुरुष संयम को ग्रहण
नहीं करेंगे। 3. चन्द्र-मण्डल में अनेक छेदों का अर्थ यह है कि धर्म के शुद्ध मार्ग को दूसरे
वादी-प्रतिवादी छिन्न-विच्छिन्न करने का प्रयत्न करेंगे। 4. बारह फण वाले सर्प का अर्थ है कि बारह वर्ष तक भयंकर दुर्भिक्ष पड़ेगा। 5. वापस लौटते हुए विमान का अर्थ है कि पंचम काल में देवता, विद्याधर ___ और चारणमुनि पृथ्वी पर नहीं आयेंगे। 6. कमल दूषित स्थान में खिला है, इसका अर्थ है कि उत्तम कुल के लोग
अधर्म को अपनायेंगे। 7. भूतों के नृत्य का अर्थ कि लोगों के मन पर भूत-प्रेतों की और अनिष्ट की __छाया रहेगी। 8 जुगनुओं के चमकने का अर्थ है कि धर्म के प्रकाश से रहित व्यक्ति ही उप
देशक होंगे। 9. सूखे किन्तु कहीं-कहीं जल सहित सरोवर का अर्थ है कि भगवान की वाणी
का तीर्थ प्रायः सूख जायेगा, फिर भी कहीं-कहीं धर्म का अस्तित्व दिखायी
देगा। 10. सोने की थाली में खीर खाते हुए कुत्ते का अर्थ है कि नीच वृत्ति के पुरुष
लक्ष्मी का उपभोग करेंगे, मनस्वी पुरुषों को वह प्राप्त नहीं होगी। !1, ऊँचे हाथी पर बैठे हुए बन्दर का अर्थ है कि राजशासन ऐसे लोगों के हाथ
में आयेगा जो चंचल-मति के होंगे। 12. समुद्र मर्यादा उल्लंघन कर रहा है, इसका अर्थ है कि शासक प्रजा की ___ लक्ष्मी का हरण करेंगे और न्याय-मार्ग का उल्लंघन करेंगे। 13. रथ को वहन करने वाले बछड़ों का अर्थ है कि यौवन की अवस्था में लोग
संयम ग्रहण करने की शक्ति रखेंगे, किन्तु वृद्धावस्था में यह शक्ति क्षीण
हो जायेगी। 14. ऊँट पर चढ़े हुए राजपुत्र का अर्थ है कि नृप-गण निर्मल धर्म छोड़कर ऊट__पटांग हिंसा का मार्ग अपनायेंगे। 15. धूल से आच्छादित रत्नराशि का अर्थ है कि निर्ग्रन्थ साधु भी एक दूसरे की