Book Title: Antardvando ke par
Author(s): Lakshmichandra Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 186
________________ परिशिष्ट 8 शिलालेखों में वर्णित धर्मार्थ करों के नाम पिछले तेरह सौ वर्षों में श्रवणदेल्गोल की तीर्थरक्षा, जीर्णोद्धार, पूजा अर्चना, मुनियों के आहार-दान, प्रहरियों और कर्मचारियों के वेतन तथा स्थान की सुव्यवस्था के लिए जो कर राज्य ने या तीर्थ-व्यवस्थापकों ने लगाये, शिलालेखों में उनमें से कतिपय करों के नाम निम्नलिखित सूची में अकारादि क्रम से दिये गये हैं । लेखों के क्रमांक शिलालेख संग्रह भा. 1', मा. च. ग्रन्थमाला के अनुसार हैं। पुरवर्ग कर का नाम शिलालेख-क्रमांक अन्याय 128 अभ्यागते 137 आलेपोम्मु. 434 आलेसंक.... , 434 कटकसेसे ... 137. कब्बिणदपोम्मु 434 काडारम्भ 353 कालबाडिगे 434 खाण 137 . गाडदेरे गुरुकाणिके 434 जातिकूट 434 जातिमणिय 434 तिप्पेसंक 138 कर का नाम शिलालेख-क्रमांक नामकाणिके 434 न्याय 128 पट्टदेसायिरु 434 पाशवार 434 434 बसदि 137 .434 मनरवत 137 मनेदेरे मलय 128, 137 येरुकाणिके 434 हत्तिपोम्मु 434 हुल्लुहण 434 बेंडिगे 138 138

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