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अकबर की धार्मिक नीति
यहां तक कि सोमनाथ के मंदिर के बारे में उन्होंने लिखा है कि - ब्राह्मणों का धन देने का वचन और महमूद की वस्वीकृति की कहानी वाद! मैं गढी गई है किन्तु अन्य मुसलमान विद्वान इसका समर्थन नहीं - करते है।
वास्तविकता यह है कि महमूद इस्लाम की धार्मिक भावनाओं से ओत प्रोत था जिससे उत्साहित होकर उसने बामण किये । वाद में बामां में प्राप्त सम्पत्ति में उसे और पी वियों के सम्बन्ध में उत्युक बना दिया । . पार्मिक दौत्र में मुहम्मद गौरी का उद्देश्य गांण था उसका प्रमुख ध्येय भारत में अपनी राजनैतिक सत्ता की स्थापना करता था । यपि । समकालीन इतिहासकार हसन निजामी की ताजुल मवासिर तथा मिनहाज की तवकाते नसिरी से यह पता चलता है कि कन्नौज में गोरी ने अत्याथिक नरहत्या की और बनारस में अनेक मंदिरों का विध्वंस कराया । किन्तु अन्य धार्मिक अत्याचारीयों की मांति उसने कलात की परिवर्तन तथा धर्म के नाम पर कठोर अत्याचार नहीं किये ।
४ - श्री नाजिम नै सुल्तान महमूद नाम की पुस्तक में पृष्ठ ११८ पर लिखा! है कि जब महमूद ने मूर्ति देखी तो बाशा दी कि इसका ऊपरी भाग गदा से तोड दो फिर चारो जोर बाग लगा दी जाय, फरिश्ता का क्थन । है कि मूर्ति बोखली थी । सत्य प्रतीत नही होता । अलवरूनी ने लिखा है कि लिंग ठोस होने का पता था । ५ - मोहम्मद हवीव - महमूद गांफ गजना - पृष्ठ ५३.
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