Book Title: Akbar ki Dharmik Niti
Author(s): Nina Jain
Publisher: Maharani Lakshmibhai Kala evam Vanijya Mahavidyalay

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Page 64
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org अकबर की धार्मिक नीति ने एक विशाल बीर विस्तृत उद्यान निर्मित करवाया और फतेहपुर सीकरी मैं गरीबों और फकीरों को एक करोड़ रुपये का सोना, चांदी, व सिक्के दान में वितरित किये गये । ११ AA o co-de इस प्रकार इन आध्यात्मिक अनुभव ने अकबर को बोर मी अधिक दान शील, धार्मिक व उदार बना दिया । ७. भक्ति आन्दोलन और सूफी विचार धारावों का अकबर पर प्रभाव cv com sede de de de quite a ale ap Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 11 - Muntkhabut - Tamarikh. P. 265. अकबर विचारों और प पर तत्कालीन भक्ति आन्दोलन, विभिन्न सन्तों, बापुर्वी, फकीरों और सूफियों की विचार बाराब का प्रभाव पड़ा । हिन्दू सन्तों, भक्ताँ, साधुबों और सूफी फकीरों तथा रेखा ने धर्म के बाहरी आडम्बर की व्यर्थ बतलाया । उन्होने धार्मिक प्रथाओं बोर कर्म कान्ड का खन्डन किया । जीवन और बरित्र की पवित्रता ! तथा एक ईश्वर की सत्ता पर बल दिया। अकबर की राजसभा में भी सूफी विद्वान थे जब अकबर सूफी शेख मुबारक वीर उसके दो प्रतिभाशाली पुत्र फंजी और अबुल फजल के सम्पर्क में आया तब कटटरता बारे कान्यिता से मुक्त संसार उसके सामने आया । वह अपने धार्मिक विचारों में ती अत्यन्त उदार था ही, साथ ही साथ अन्य धर्मों के धार्मिक विचारों, विश्वासों और रीति रिवाजों के प्रति भी सहानुभूति रखता था । फैजी स्वतंत्र विचारों वाला प्रतिभाशाली विद्वान था । इस लिये मुगल दरबार में वह धर्माधि कटटर मुल्लाबों का विरोधी था । बकुल फजल मी मध्य युग की धर्षिता, संकीर्णता और साम्प्रदायिकता से ऊंचा उठा हुबा था । जब अकबर की उपस्थिति में इबादत खाने में भिन्न भिन्न धर्मों की गोष्ठियां और वाद विवाद होते थे तो अबुल फजल इनमें सक्रिय भाग लेवा था। फैजी और कुल फजल इस्लामी शास्त्रों के अपने गहन ज्ञान का लाभ उठा कर धार्मिक शास्त्रों के अपने उद्धरण और तर्कों से धान्य - For Private And Personal Use Only - 61 ·

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