Book Title: Akbar ki Dharmik Niti
Author(s): Nina Jain
Publisher: Maharani Lakshmibhai Kala evam Vanijya Mahavidyalay

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Page 140
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Exਦ ਲੀ ਗਲ ਕੀਰ 123 उसने अकबर के सुधारों को संकीर्ण दृष्टि कोण से देला वीर अकबर पर इलाम दमन के बारोप लगाये । इसी प्रकार जब ईसाई धर्म प्रचारको के उद्देश्य पूरे नही हुए तो उन्होंने अकबर के बारे में भिथया बाते लिखनी प्रारम्भ कर दी। सत्य तो यह है कि अकबर ने न तो कुरान का अनादर किया ! वीर न ही मसजिद का । उसने न तो बाबी की उपेक्षा की बोर न ही इस्लाम धर्म की । यह निर्विवाद है कि अकबर मृत्यु पर्यन्त ईश्वर में विश्वास करता रहा त्या हज नगने वाले मुसलिम यात्रियों की मी . व्यवस्था की । अंग्रेज राबत सर टामसरों का मत है कि अकबर अपने समस्त जीवन में मुसलमान ही रहा और मुसलमान रहते हुए ही उसकी मृत्यु हुई। -0 For Private And Personal Use Only

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