Book Title: Akbar ki Dharmik Niti
Author(s): Nina Jain
Publisher: Maharani Lakshmibhai Kala evam Vanijya Mahavidyalay

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Page 152
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अकबर की थामिळ नीति 185 सन १९५६ में जब अकबर राज्य सिंहासना रुक हुवा था तब उसके पास कोई निश्चित साम्राज्य नहीं था। किन्तु सन १६०५ मैं उसकी मृत्यु के समय उसने अपने उत्तराधिकारी के लिये उत्तरी भारत में विस्तृत वीर सुसंगठित राज्य छोड़ा था । यह अकबर की राजपूर्ता के प्रति सदभावना का ही परिणाम था । जहांगीर और शाहजहां का जाज्वल्यमान युग राजपा के ही सहयोग से निर्मित हुवा था । इस तरह अकबर की उदार नीति से मुगल साम्राज्य की कई पीढ़ियों को राजपूतों की सेवाप्राप्त हुई । For Private And Personal Use Only

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