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Exਦ ਲੀ ਗਲ ਕੀਰ
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उसने अकबर के सुधारों को संकीर्ण दृष्टि कोण से देला वीर अकबर पर इलाम दमन के बारोप लगाये । इसी प्रकार जब ईसाई धर्म प्रचारको के उद्देश्य पूरे नही हुए तो उन्होंने अकबर के बारे में भिथया बाते लिखनी प्रारम्भ कर दी।
सत्य तो यह है कि अकबर ने न तो कुरान का अनादर किया ! वीर न ही मसजिद का । उसने न तो बाबी की उपेक्षा की बोर न ही इस्लाम धर्म की । यह निर्विवाद है कि अकबर मृत्यु पर्यन्त ईश्वर में विश्वास करता रहा त्या हज नगने वाले मुसलिम यात्रियों की मी . व्यवस्था की । अंग्रेज राबत सर टामसरों का मत है कि अकबर अपने समस्त जीवन में मुसलमान ही रहा और मुसलमान रहते हुए ही उसकी मृत्यु हुई।
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