Book Title: Akbar ki Dharmik Niti
Author(s): Nina Jain
Publisher: Maharani Lakshmibhai Kala evam Vanijya Mahavidyalay

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अकबर की धार्मिक नीति www.kobatirth.org से और उत्तर भारत में शक्ति और ववैरता के व्दारा इस्लाम का प्रसार हुआ । सिन्ध पर बरवो की विजय ने इस्लाम के प्रसार का रास्ता खोल दिया क्योंकि जिन्होंने इस्लाम स्वीकार कर लिया उन्हें जजिया से मुक्त कर दिया और जिन्होंने नहीं स्वीकारा वे जजिया कर के वोक से दवा दिये गये । अन्ततोगत्वा सुवक्त गीन एंव महमूद गजनवी के आक्रमणों व मुहम्मद गौरी की विजय ने भारत में इस्लाम का राज्य स्थापित कर दिया । इस प्रकार इस्लाम का प्रारम्भ धार्मिक रूप में हुआ परन्तु परिस्थितियों ने उसे राजनैतिक रूप दे दिया । (२) महमूद गजनवी और मुहम्मद गौरी की धार्मिक नीति : Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir था महमूद गजनवी भारत मैं धार्मिक उद्देश्यों से पूर्ण हृदय लेकर आया इस्लाम ने उसकी असीम महत्वाकांक्षाओं को धार्मिकता का जामा पहना दिया था । कहा जाता है कि क्लीफा के मान्यता पत्र के बदले मैं उसने प्रतिज्ञा की थी कि वह प्रति वर्ष भारत वर्ष के काफिरों पर आक्रमण करेगा । उसका दरबारी इतिहासकार उसवी बताता है कि उसके आक्रमणों का उद्देश्य जिहाद था । जिसका मूल उद्देश्य इस्लाम का प्रसार और कुफ्र का मूलोच्छदन करना था । वह लिखता है कि - सुल्तान महमूद ने पहले सिजिस्तान पर आक्रमण करने का संकल्प किया परन्तु वाद मैं उसने हिन्द के विरुद्ध जेहाद करना ही अधिक अच्छा समझा (तारीख- ए- यमीनी ) ईश्वरी प्रसाद एवम् ए० एल० श्रीवास्तव बादि हविहाकार भी यही बताते है कि धार्मिकता ही महमूद के आक्रमणों का मूल कारण थी । किन्तु प्रो० हवीव बताते है कि महमूद धर्मान्य न था भारत पर आक्रमण उसने धार्मिक उदेश्यों को लेकर नहीं वरन लूट के लालच से किये (३) (२) दिनकर - संस्कृति के चार अध्याय । (३) प्रो० हवीव - महमूद आफ गजना पृष्ठ ५३ For Private And Personal Use Only

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