Book Title: Agamoddharak Kruti Sandohe Part 02
Author(s): Manikyasagarsuri, 
Publisher: Shantichandra C Zaveri

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Page 7
________________ ॥७॥ पृष्ठम् पतिः , १४ शुद्धम् | पृष्ठम् पतिः शतो०८१ ५ ॥७॥ अशुद्धम् शंतो चूर्णि . स्व कां० . वृत्त अशुद्धम् भावे न ०श्रयं० उदयमागत् किमुन मुनयः, शुद्धम् भावेन ०श्रय उदयमगान् स्वका ५४ १७ . . वृत्त नैव किमु श्रत० श्रत मुनयः, मतः ? मत? सिद्धि ०समुहो० प्राप्त्वापि धीर्ष ०धीर्षी प्रसा-रो० ७ प्रसारो __ १० छुटे० सुख सुभैः ७२ ११ सिद्ध समूहो प्राप्यापि - सुख | ८७ ___सुमैः | ८८ oऽभ्र ८९ महर्द्धिका | ,, हतां | ९० धैर्लानो-|९१ बहु० / ९१ ७७ ०ऽभ्र महर्धिका हतां बैग्लानो- बहु० १८ . २ १३ १२ १ १० ०माप्त ०धानो ०लापो ०वन्दम० था क० हिण्डयां माप्तं धानः लापो ०वन्दनम० ०थाक० हिण्ड्यां Ilon

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