Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 320] [जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र पण्णते। एवामैव सपुव्वावरेणं जंबुद्दीवे दोवे लवणे असमुद्दे एगे चुलसीए सूरमंडलसए भवंतीतिमक्खायं। [160] भगवन् ! सूर्य-मण्डल कितने बतलाये गये हैं ? गौतम ! 184 सूर्य-मण्डल बतलाये गये हैं। भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने क्षेत्र का अवगाहन कर आगत क्षेत्र में कितने सूर्य-मण्डल बतलाये गये हैं ? गौतम ! जम्बूद्वीप में 180 योजन क्षेत्र का अवगाहन कर आगत क्षेत्र में 65 सूर्य-मण्डल बतलाये गये हैं। भगवन् ! लवण समुद्र में कितने क्षेत्र का अवगाहन कर कितने सूर्य-मण्डल बतलाये गये हैं ? गौतम ! लवण समुद्र में 330 योजन' क्षेत्र का अवगाहन कर आगत क्षेत्र में 116 सूर्यमण्डल बतलाये गये हैं ? इस प्रकार जम्बूद्वीप तथा लवण समुद्र दोनों के मिलाने से 184 सूर्य-मण्डल होते हैं, ऐसा बतलाया गया है। 161. सव्वम्भंतरानो णं भंते ! सूर-मंडलानो केवइयाए प्रबाहाए सव्ववाहिरए सूर-मंडले पण्णते? गोयमा ! पंच दसुत्तरे जोप्रण-सए अबाहाए सव्व-बाहिरए सूरमंडले पण्णत्ते 2 / [161] भगवन् ! सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल से सर्वबाह्य सूर्य-मण्डल कितने अन्तर पर बतलाया गया है ? गौतम ! सर्वाभ्यन्तर सूर्य-मण्डल से सर्व बाह्य सूर्य-मण्डल 510 योजन के अन्तर पर बतलाया गया है। 162. सूर-मंडलस्स णं भंते ! सूर-मंडलस्स य केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा! दो जोषणाई अबाहाए अंतरे पण्णत्ते 3 / [162] भगवन् ! एक सूर्य-मण्डल से दूसरे सूर्य-मण्डल का अबाधित- व्यवधानरहित कितना अन्तर बतलाया गया है ? गौतम ! एक सूर्य-मण्डल से दूसरे सूर्य-मण्डल का दो योजन का अव्यवहित अन्तर बतलाया गया है। 1. श्रीजम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति सूत्र की शान्तिचन्द्रीया वृत्ति के अनुसार यहाँ ठीक परिमाण 33016 योजन है। धत्ति में कहा गया हैगौतम ! लवणे समुद्रे त्रिंशदधिकानि श्रीणि योजनशतानि सूत्रेऽल्पत्वादविवक्षितानप्यष्ट चत्वारिणदेकषष्टिभागान् अवगाह्य..."। --श्री जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति सूत्र, शान्तिचन्द्रीया वृत्ति, पत्रांक 484 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org