Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 35.] (जम्बूद्वीपप्राप्तिसूत्र भगवन् ! लवणसमुद्र में कितने क्षेत्र का अवगाहन कर कितने नक्षत्रमण्डल हैं ? गौतम ! लवणसमुद्र में 330 योजन क्षेत्र का अवगाहन कर छह नक्षत्रमण्डल हैं / यों जम्बूद्वीप तथा लवण समुद्र के नक्षत्रमण्डलों को मिलाने से पाठ नक्षत्रमण्डल होते हैं / भगवन् ! सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल से सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल कितनी अव्यबहित दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल से सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल 510 योजन की अव्यवहित दूरी पर बतलाया गया है। भगवन् ! एक नक्षत्रमण्डल से दूसरे नक्षत्रमण्डल का अन्तर-दूरी अव्यवहित रूप में कितनी बतलाई गई है ? गौतम ! एक नक्षत्रमण्डल से दूसरे नक्षत्रमण्डल की दुरी अव्यवहित रूप में दो योजन बतलाई गई है। भगवन् ! नक्षत्रमण्डल की लम्बाई-चोड़ाई, परिधि तथा ऊँचाई कितनो बतलाई गई है ? गौतम ! नक्षत्रमण्डल की लम्बाई-चौड़ाई दो कोस, उसकी परिधि लम्बाई-चौड़ाई से कुछ अधिक तीन गुनी तथा ऊँचाई एक कोस बतलाई गई है। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल अव्यवहित रूप में कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल अव्यवहित रूप में 44820 योजन की दूरी पर बतलाया गया है। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल अव्यवहित रूप में कितनी दूरी पर बतलाया गया है? गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल अव्यवहित रूप में 45330 योजन को दूरी पर बतलाया गया है / भगवन् ! सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल को लम्बाई-चौड़ाई तथा परिधि कितनी बतलाई गई है ? गौतम ! सर्वाभ्यन्तर नक्षत्रमण्डल को लम्बाई-चौड़ाई 99640 योजन तथा परिधि कुछ अधिक 315086 योजन बतलाई गई है। भगवन् ! सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल को लम्बाई-चौड़ाई तथा परिधि कितनी बतलाई गई है ? गौतम ! सर्वबाह्य नक्षत्रमण्डल को लम्बाई-चौड़ाई 100660 योजन तथा 318315 योजन बतलाई गई है। भगवन् ! जब नक्षत्र सर्वाभ्यन्तर मण्डल का उपसंक्रमण कर गति करते हैं तो एक मुहूर्त में कितना क्षेत्र पार करते हैं ? गौतम ! वे 5265371 योजन क्षेत्र पार करते हैं / भगवन् ! जब नक्षत्र सर्वबाह्य मण्डल का उपसंक्रमण कर गति करते हैं तो वे प्रतिमुहूर्त कितना क्षेत्र पार करते हैं ? गौतम ! वे प्रतिमुहूर्त 531914 योजन क्षेत्र पार करते हैं / Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org