Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text ________________ परिशिष्ट -1 गाथाओं के अक्षरानक्रमी संकेत 8 एए णवणिहिरयणा 264 एए सामाणियाणं 382 एएसि पल्लाण 221 एग च सय-सहस्स 154 298 319 श्रो अउणासीइ सहस्सा अच्छे अ सूरिसावत्ते अडयालीसं भाए अणिग्राहिवाण पच्चत्थिमेण अभिइस्स चन्द-जोगो अभिई छच्च मुहुत्ते अभिई सवणे धणिट्ठा अभिणदिए पइट्ट अ अलंबुसा मिस्सकेसी अवसेसा णवखत्ता, पण्णरस वि हुंति अवसेसा णक्खत्ता. पण्णरस वि सूरसहगया अहमंसि पढमराया अयं बहुगुणदाणं 146 प्रोमज्जायण मंडव्वायणे 353 प्रोसप्पिणी इमीसे 355 279 365 काले कालण्णाण 153 खीलग दामणि एगावली 137 खुज्जा चिलाइ वामणि खेमा खेमपुरा चेव खंडा जोग्रण वासा inorm w अ प्राइच्च-ते-तविया आसपुरा सीहपुरा इ 153 इलादेवी सुरादेवी इह तस्स बहुगुणद्ध इंगालए विद्यालए इंदमुद्धाभिसित्ते WWW0 arrurt MAK 248 गणिअस्स य उत्पत्ती गोवल्लायण तेगिच्छायणे 279 गोसीसावलि काहार 108 गंधव्व-अग्गिवेसे 389 355 चउरासीइ असीइ चउसट्टी सट्ठी खलु चक्कट्ठपइट्टाणा 215 चत्तारि सहस्साई च 298 उत्तमा य सुणक्खत्ता उववानो संकप्पो 384 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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