Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Chhaganlal Shastri, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 403
________________ 342] जिम्बूद्वीपप्राप्तिसूत्र जम्बुद्दोवे दीवे मन्दरस्स पध्वयस्स केवइमाए प्रवाहाए अभंतरतच्चे मण्डले पण्णते? गोयमा ! चोप्रालीसं जोअण-सहस्साइं अट्ठ य वाणउए जोपण-सए एगायण्णं च एगसद्विभाए जोअणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता एगं चुण्णिाभागं प्रवाहाए अभंतरतच्चे मण्डले पण्णत्ते। एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे चंदे तयाणन्तरामो मण्डलानो तयाणन्तरं मण्डलं संकममाणे 2 छत्तीसं छत्तीसं जोअणाई पणवीसं च एगसट्ठिभाए जोअणस्स एगसद्विभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णिाभाए एगमेगे मण्डले अबाहाए बुद्धि अभिवद्धमाणे 2 सम्वबाहिरं मण्डलं उथसंकमित्ता चारं चरइ। जम्बुद्दीवे दोवे मन्दरस्स पव्वयस्स केवइमाए अबाहाए सब्वबाहिरे चंद-मण्डले पण्णते? पणयालीसं जोअण-सहस्साई तिण्णि अ तीसे जोमण-सए प्रबाहाए सव्वबाहिरए चंद-मण्डले पण्णत्ते। जम्बुद्दीवे दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स केवइआए अबाहाए बाहिराणन्तरे चंद-मण्डले पण्णते ? गोयमा ! पणयालीस जोपण-सहस्साई दोणि अ तेणउए जोअण-सए पणतीसं च एगसहिभाए जोअणस्स एगसट्ठिभागं च सत्तहा छेत्ता तिणि चुण्णिाभाए प्रबाहाए बाहिराणन्तरे चंदमण्डले पण्णत्ते। जम्बुद्दीवे दीवे मन्दरस्स पव्वयस्स केवइआए अबाहाए बाहिरतच्चे चंदमण्डले पण्णते? गोयमा ! पणयालीसं जोप्रण-सहस्साई दोण्णि प्रसत्तावण्णे जोपण-सए णव य एगसद्विभाए नोअणस्स एगसद्विभागं च सत्तहा छेत्ता छ चुण्णिाभाए अबाहाए बाहिरतच्चे चंदमण्डले पणत्ते। एवं खलु एएणं उवाएणं पविसमाणे चंदे तयाणन्तराओ मण्डलामो तयाणन्तरं मण्डलं संकममाणे 2 छत्तीसं 2 जोअणाई पणवीसं च एगसद्विभाए जोअणस्स एगसद्विभागं च सत्तहा छेत्ता चत्तारि चुण्णिाभाए एगमेगे मण्डले अबाहाए वुद्धि णिवुद्धमाणे 2 सव्वन्भंतरं मण्डलं उपसंकमित्ता चारं [179] भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वाभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से सर्वाभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल 44820 योजन की दूरी पर बतलाया गया है। भगवन् ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से दूसरा प्राभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल कितनी दूरी पर बतलाया गया है ? गौतम ! जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से दूसरा आभ्यन्तर चन्द्र-मण्डल 448561 योजन तथा 61 भागों में विभक्त एक योजन के एक भाग के 7 भागों में से 4 भाग योजनांश की दूरी पर बतलाया गया है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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