Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 03 Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 14
________________ १४५ १४६ १४९ १५३ १५६ १६० १६३ १६६ बारहवाँ-शरीरद्वार तेरहवाँ-पर्याप्तिद्वार उनतीसवाँ उपयोगपद प्राथमिक जीव आदि में उपयोग के भेद-प्रभेदों की प्ररूपणा जीव आदि में साकारोपयुक्तता-अनाकारोपयुक्तता-निरूपण तीसवाँ पश्यत्तापद जीव एवं चौवीस दण्डकों में पश्यत्ता के भेद-प्रभेदों की प्ररूपणा जीव एवं चौवीस दण्डकों में साकारपश्यत्ता और अनाकारपश्यत्ता केवली में एक समय में दोनों उपयोगों का निषेध इकतीसवाँ संज्ञिपद प्राथमिक जीव एवं चौवीस दण्डकों में संज्ञी आदि की प्ररूपणा बत्तीसवाँ संयतपद प्राथमिक जीवों एवं चौवीस दण्डकों में संयत आदि की प्ररूपणा तेतीसवाँ अवधिपद प्राथमिक तेतीसवें पद के अधिकारों की प्ररूपणा अवधिभेदद्वार अवधिविषयद्वार अवधिज्ञान का संस्थान आभ्यन्तर-बाह्य अवधिद्वार देशावधि-सर्वावधिद्वार अवधिक्षय-वृद्धि आदि द्वार चौतीसवां परिचारणापद प्राथमिक चौतीसवें पद का अर्थाधिकार-प्ररूपण अनन्तराहारद्वार आहाराभोगताद्वार १७५ १७६ १७९ १८१ १८१ १८२ १८७ १८९ १९५ १९९ १९९ २०१

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