Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 07 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 16
________________ भगवतीसूत्रे क्षेत्रमूवं तापयति ? मनुष्योत्तरपर्वतान्तर्वर्तिचन्द्रादिदेवः किमूलोकोत्पन्नः ? मनुष्योत्तरपर्वतस्य बहिश्चन्द्रादिदेवः किमूर्ध्वलोकोत्पन्नोऽस्ति ? इन्द्रस्थानं कियस्कालपर्यन्तम् उपपातविरहितं भवेत् ? इति । गुर्वादिप्रत्यनीकवक्तव्यता। सप्तमो द्देशके स्थविरान् पति अन्यतीथिकाणां प्रत्यनीकतया प्ररूपितत्वेन प्रत्यनीकप्रस्तावात् अष्टमोदेशके गुर्वादिप्रत्यनीकान् प्ररूपयितुमाह-'रायगिहे' इत्यादि। मूलम्-रायगिहे नयरे जाव एवं वयासी- गुरू णं भंते! पडुच्च कइ पडिणीया पण्णत्ता ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा---आयरियपडिणीए, उवज्झायपडिणीए, थेरपडिणीए । गई णं भंते ? पडुच्च कइ पडिणीया पण्णता ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता, तं जहा इह लोगपडिणीए, परलोगपडिणीए, दुहओलोगपडिणीए । समूहं णं भंते ! पडुच्च कइ पडिणीया पण्णता ? गोयमा ! तओ पडिणीयां पण्णत्ता, तं जहा--कुलपडिणीए, गणपडिणीए, संघपडिणीए । अणुकंपं पडुच्च पुच्छा ? गोयमा ! तओ पडिणीया पण्णत्ता तं जहा--तवस्सिपडिणीए, गिलाणपडिणीए, सेहपडिणीए। सुयं णं भंते ! पडुच्च पुच्छा ? गोयमा ! तओ पडिणीया स्पृष्ट क्रिया करता है ऐसा कथन । सूर्य कितने ऊँचे तपता है ऐसा प्रश्न? मानुषोत्तरपर्वत के भीतर जो चन्द्रादिदेव हैं वे क्या ऊर्ध्वलोक में उत्पन्न हुए हैं ? इन्द्रस्थान कितने कालतक उपपातसे रहित कहा गया है ? ऐसे प्रश्न और इनके उत्तर। કેટલો ઊચે તપે છે??એ પ્રશ્નન માનુષેત્તર પર્વતની અંદર જે ચન્દ્રાદિ દે છે, તે શું ઊર્વલોકમાં ઉત્પન્ન થયેલા છે ? ઇન્દ્રસ્થાન કેટલા કાળ સુધી ઉપપતથી રહિત કહ્યું છે ? આ પ્રશ્ન અને તેમના ઉત્તરે આ ઉદ્દેશકમાં આપવામાં આવ્યા છે. श्री भगवती सूत्र : ७

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