Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 234 आचारांग सूत्र -द्वितीय शु तस्कन्ध के, किसविधि से निष्पन्न वस्त्र ग्रहण एवं धारण किये जाएं, इसकी त्रिविध एषणा विधि बताई गई है। अत: इसे 'वस्त्रैषणा-अध्ययन' कहा गया है। " इस अध्ययन के दो उद्देशक हैं। प्रथम उद्देशक में वस्त्र-ग्रहण विधि का प्रतिपादन किया गया है, जबकि द्वितीय उद्देशक में वस्त्र-धारण विधि का प्रतिपादन है।' * सूत्र संख्या 553 से प्रारम्भ होकर 587 पर समाप्त होती है। 1. (अ) आचारांग वृत्ति पत्रांक 362 / (आ) 'पढमे गहणं बीए धरणं, पगयं तु दव्ववत्थेणं' ---आचा० नियुक्ति गा० 315 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org