Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text ________________ आचारांग सूत्र-द्वितीय श्रुतस्कन्ध शब्द सूत्र सूत्र शब्द 371, 373, 415, 416, आईणपाउरण 558 417, 418, 421, 474, आउकाय 556 आउक्खय 734, 745 अस्सकरण 657 आउट्ट 340, 425, 728 अस्सजुद्ध 680 आउय अस्सट्ठाणकरण 676 आएस 363, 460 अस्सपडिया (अस्व-प्रतिज्ञा) 413, 555, 560, आएसण 435-401, 504 648, 650 आगंतार 374, 432, 433, 434, 445, अस्सलालपेलयं 608, 610, 611, 621, 633 अह(अहन्) 740 आगत 471, 520, 760 महाकप्प 762 आगति 773 अहाणुपुवी 741 आगर अहापज्जत 366 आगरमह 337 अहापरिग्गहिय 581 आगाढागाढ 416 अहापरिष्णात 445, 608,621 आजिणग अहाबद्ध 455 आणट्टगसहि अहाबादर 756 आणा 410, 776, 782, 785, 76?, अहामग्म 762 अहाराम 667 आताव 353, 421, 426, 458, 461, अहा(धा)रियं 482, 463-465 575-576, 772 अहारिह 745 आतोज्ज अहालंद 445, 608, 621 आतंक 340, 421 अहासंथड 456, 633 आदाए 324, 384, 345, 346, 353, अहासमण्णागत 456, 633 (आदाय) '357, 361, 366, 366, 400, अहासुत्त 762 (आयाए)/ 475, 520, 576, 603, 605, अहासुहुम 611, 667, 766 अहि(धि)यास 766, 771 आदिए 400 अहुणुभिण्ण 464 आदीयं ७४अहे (अधस्) 324, 340, 353, 404, आभरण 558, 686, 754, 766 576, 753, 802 आभरणविचित्त अहेगामिणी 474 आम 384-388 अहेसणिज्ज 433, 465, 466, 581 आमंतित 526 अहो (अधस्) 772 आमंतेमाण अहो गंधो 374 आमग 375-376, 382 अहोणिसं 768 आमज्ज 353, 363, 461, 467, 604, आइण्णं सलेक्वं 454, 616 661, 701, 708, 715, 725, आइण्णोमाण 342 727 526 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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