Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
View full book text ________________ परिशिष्ट : 1 [विशिष्ट शन्द सूची] शब्द परिण्णात परितावणकरि परिदाहपडिया परिभाइयपुवा परिभुत्तपुव्वा परिमंडिय परियट्ट परियट्टण परियाग(य) परिभाएह परियारणा परियावरण परियावसह 504 505 674 502 420, 510, 536, 616, 87 548, 736-736 348 338, 360, 406, 435-441 766, 772 सूत्र शब्द 608, 621 पब्बतगिह 524 पब्बतविदुग्ग 465 पव्वयदुग्ग 443 पसिण 331,332, 382,443 पसु 754 पसूया 335 पहेणं 348 पाईण '735, 745, 772 पाईणगामिणीए 357, 405 पाउं 340 पागार 366, 405, 406 पाडिपहिय 3.78, 432-834, 845, 608, 621, 633 पाडिहारिय 741 पाण(पान) 536, 540 पाण(प्राण) 354 पाणग 766 पाणगजाय 462 पाणातिवाइय 743 पाणातिवात 521 पाणि 754 पासणा 3.77 पादपीठ 856, 633 पादपुछण 856 पादिस 431 पादोसिए 725, 726 पाय(पाद) 804 परिवुद्ध परिबूढ परिसर परिसा परिसाड परीसह परोक्वक्यण पलबंत पलबजात पलाल पलालग पलालपूज पलियंक पवंच पवत्ती पवर पवा पवात पवाल पवालजात पविटु पवुटुदेव पव्वत 466, 504 466, 502, 507, 506 -512, 513, 514 455, 583, 611 324,330 इत्यादि 324, 331 इत्यादि 568 366-371, 373, 365 778 ওওও, ওও 406, 461, 466, 611 406,410 667, 754, 756 471, 518, 645 536 778 324, 342, 365, 406 416, 444, 456, 460, 466, 475, 480, 481, 487, 463, 464, 468, 663-700, 725 342, 404, 405, 517, 518, 585-560, 562 -564, 597, 600, 603 360, 362, 405, 428, 598, 626, 626, 630, 632 734, 754 835, 659, 676 338, 460, 462 पाय (पात्र) 740 378 565 पाय(त)ए 105, 543, 544, 674 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
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