Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 886
________________ परिशिष्ट : 1 विशिष्ट शब्द-सूची [यहाँ विशिष्ट शब्द-सूची में प्रायः वे संज्ञाएं तथा विशेष शब्द लिये गये हैं, जिनके आधार पर पाठक सरलतापूर्वक मूल विषय की आधारभत अन्वेषणा कर सकें। आचारांग द्वितीय श्रुतस्कंध (आचार चूला) के सूत्र प्रथम श्रुतस्कंध के साथ क्रमशः रखने के कारण यहां पर सूत्र संख्या 324 से प्रारम्भ होती है। -सम्पादक] 568, 566 623-625 626, 627, 628 377 373 626-627, 628 शब्द अंककरेलुय 382 अंतोअंतण अंकधाती 741 अंब अंगारिग 385 अंबचोयम अंगुलियाए 360, 476, 504 अंबदालम अंजण 360 अंबपलंब अंजलि 517 अंबपाणम अंड 324, 348, 353, 404,412, 431, अंबपेसिय 455, 458, 468, 566, 570, 571, अंबभित्तग 600, 612, 623-628, 626, 631, अंबवण 632, 637, 636, 641, 642, 646 अंबसालग अंत (अन्त) 460, 745 अंबाडगपलंब अंतकड 802, 803 अंबाडगपाणग अंतकम्म 754 अंबिल अंतरा 348, 353, 355, 408, 464, अंसुय 467, 468, 470, 471, 472, अकंतदुक्खा 473, 474, 463, 496, 500, अकरणिज्ज 502, 504, 505, 507, 506, अकसिण 517, 585, 586, 605 अकालपडिबोहीणि अंतरिज्जग 556 अकालपरिभोईणि अंतरियाए 772 अकिंचण अंतरुच्छ्य 402, 630, 631 अकिरिय अंतलिस्वजाय (त) 365. 416, 576- अक्कंतपुव्वे 578, 613 अक्खाइयट्ठाण अंतलिखे 531 अक्खाय(त) 377 373 366, 407, 550 557 766 340, 766 08 6 525 342 682 338, 522, 635 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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