Book Title: Acharanga Sutram
Author(s): Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आयारंग सुत्तं [उद्दे० ६-७. (६) से बेमि : इमं पि जाइ-धम्मयं, एयं पि जाइ-धम्मयं; इमं पि वुद्धि-धम्मयं, एयं पि बुद्धि-धम्मयं;....चित्तमन्तयं....छिन्नं मिलाइ....आहारगं....अनिच्चयं....असास्यं.... चयावचइयं....विपरिणाम-धम्मयं ।। (७) एत्थ सत्थं.... ( मथा २, १९-२२. नवरं पुढवि स्थाने वणस्सइ भणनीयं ) .... 6 परिन्नाय-कम्मे-त्ति बेमि ॥ 10 १-६ (१) से बेमि : सन्ति'मे तसा पाणा, तं-जहा:-अण्डया पोयया जराउया रसया संसेयया सम्मुच्छिमा उब्भिया उववाइया। एस संसारे ति पवुच्चइ (२) मन्दस्स अविजाणओ। निज्झाइत्ता पडिले हित्ता पत्तेयं परिणिव्वाणं सव्वेसि पाणाणं, सव्वेसि भूयाणं, सव्वेसि जीवाणं, सव्वेसि सत्ताणं असायं अपरिणिव्वाणं । महब्भयं दुक्खं ति बेमि"। तसन्ति पाणा पदिसो दिसासु य । तत्थ-तत्थ पुढो पास आउरा परियावेन्ति । (३) सन्ति पाणा पुढो-सिया। 18 (४) 'लज्जमाणा .... ( यथा २,२-१३. नवरं पुढवि स्थाने तसकाय भणनीय ) .... विहिंसइ (५) से बेमि : अप्पेगे अचाए हणन्ति, अप्पेगे अजिणाए वहन्ति,....मसाए....सोणियाए...., एवं हिययाए पित्ताए वसाए पिच्छाए पुच्छाए वालाए सिंगाए विसाणाए दन्ताए दाढाए. नहाए हारुणीए अट्ठीए अद्विमिजाए-अट्ठाए अणढाए; अप्पेगे 'हिंसिसु मे' त्ति वा वहन्ति, अप्पेगे 'हिंसन्ति मे' त्ति वा वहन्ति, अपेगे 'हिसिस्सन्ति मे' त्ति वा वहन्ति । ( ६ ) एत्थ सत्थं....( यथा २,१९-२२. नवरं पुढवि स्थाने तसकाय भणनीयं ).... परिन्नायकम्मे-त्ति बेमि ॥ - १ -७ (१) पहू य एजस्सदुगुञ्छणाए । आयंक दंसी 'अहिय' ति नचा। 25 जे अज्झत्थं जाणइ, से बहिया जाणइ; जे बहिया जाणइ, से अज्झत्थं जाणइ : एयं तुलं अन्नसि । इह सन्ति-गया दविया नावकंखन्ति जीविउं । (२-३)' लजमाणा.... ( यथा २, २-१३. नवरं पुढवि स्थाले वाउ भणनीयं )....विहिंसइ (४) से बेमिः 30 .. सन्ति संपाइमा पाणा, आहच्च संपयन्ति य । For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68