Book Title: Acharanga Sutram
Author(s): Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
રા
तण
• मणि, अभिजाणइ, व्याणइ, अ भिश्राय, समभिजाणिया, स० तप्तो
,
झझा ( माया-लोभेच्छा व्याख्या) झाणि - ध्यायिन्
झाण ध्यान
झिमिय जिम्हिक ( अलस्यवाही अस् (धातु) झोसेइ झोसमाण, •मीण, शोसिय, दुज्झोखिय
)
www.kobatirth.org
ठाण स्थान
डण्ड दण्ड
डाह दाह णं नूनम् हारुणी खायुनी
त (सर्वना० ) तदर्थक तं, तो समासगत तद् यथा राज्झोसमाण, तद्दिद्वय तेण ( - ), तम्हा, त स्स, तंसि, तम्मि; ते, ताई, तेोहें, तेखि, तेसु
तइय तृतीय तभी ततः तंस यंश
तक्का तर्का तच्च तत्त्व
आचारांग सूत्रस्य
तृण
ततः
जाणेज्जा, स० जाणाहि, स० जाण १ तत्थ
तत्र
तिविह त्रिविध
अवयाण, अवयाणन्तू आ २ तत्थ ( अत० ) तथ्य ( अत०) तिहा शिवा जाण, आयाण, आयाणह, आ
तीर
- अतीरंगम
तद्
} तदर्थक
तु उ तु तुह वृन्
',
पाए, आणवेना, आणावेजा, तन्अजावेयव्य आणावे, परिजा तप्नाभि, परिजाणदः परिजानन्नू, तप अप: परित्राय, अप, सुप०, सु० जाणियव्व, सु० नाए, स० न्नाया; सुपनत्त, पनवेमो, पनवेह, पन्नवेन्ति; पडिन्नत्त, अप०; विजाणइ, विजानन्तु विया, अवि०, वि प्राय, दुब्बि०, वियाणिस्ता ज्वल (धातु) उज्जालेत्तए, पञ्जालेत्तए, पज्जालेत्ता
(धातु) आयावेजा आया तुच्छ बई, अभिताव आयावयह, आयावेतुच्छग तुच्छक त्तए; पयाबेज्जा, पयावेत्तए, परित- तुमं ( सर्वनाम ) स्वम् तव, ते, प्पड़, परितप्यमाण, परिवानि तुब्भ, तुझ, भ न्ति •बावज्जन्ति •यावेन्ति, तुला
3
"
• यावए, व्याचिय, •यांवेयम्य तम्- सद्
तम
तमसू
तर ( ग ) - ( ० क तर्क (धातु) सहियाणं
तव तपसू तवस्सिण तपस्विन्
तस् तद्
तस त्रस
तिरिच्छ तिरिय
دو
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private And Personal Use Only
} तिर्यक्
ताव तावत्
ति इति तिइक्खा तितिक्षा
तिक् (धातु) तिप्पइ, तिप्पमाण थी स्त्री तिज् तिइक्सए, तिक्खमाण शूल तिणि त्रीणि-तिहि तित्त तिक्त
स्थूल धोय स्तोक
तिय त्रिक तिरिक्ख तिर्यक्
[ ज्वल-स्
अवइण्ण, पइण्ण,
तेइच्छा चिकित्सा ते ते तेजस्
तो अम् त्यज (धातु) यह चयग्नि, चए, चाएमि, चाएस्सामो, चयाहि, चड़ता, मेथा ( ०णं), चाएमि चाण्ड: परिचयन्ति परिषएना परिश्वजः संचाएमि
तसत्त
त्रसत्व
तह ( तथ्य )
तहा तथा
तहागय तथागत
त्रस ( धातु ) तसन्ति; परिवित्तसन्ति, परिवित्तसेज्जा त्वग्वर्तय तारिस (अता० ) तादृश (अता ) थ स्थ यथा अगारस्थ आसणत्थ, तारिसय तादृशक
ताण त्राण
( धातु ) तुयहेज्जा
तालु
छाउमत्थ, भवत्थ, मज्झत्थ थण स्तन थंडिल स्थण्डिल थावर स्थावर
तासणीय तूष्णांक
तु (धातु) तर तिष्ण, सारंक्षण आंवष्ण
थावरत्त स्थावरत्व
दंस् (धातु) दसन्तु सन्तु द सन्तु, उसमाण, डंसमाण, दंसमाण

Page Navigation
1 ... 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68