Book Title: Acharanga Sutram
Author(s): Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 53
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir स- ] अकारादि-शब्दानुक्रमणिका दस दंश दिश् (धातु ) देसिय, समुद्दिस्स, देह - सण दर्शन पदेसिय दो द्वौ दसिण० दर्शिन् दिसा दिर दोणमुह द्रोणमुख दग उदक दि (धातु) क्षये-दीण, असंदीण; दोस दोष संदइ संदिज्जइ वा संदीणो धम्म धर्म दण्ड, डण्ड --- दवि दीप धम्मय धर्मक दन्त - दहि दर्घि धम्मवन्त्- धर्मवन्त ई दन्त दुक्ख दुःख धम्मिण- धर्मिन् दम - दुक्खिण- दुःखिन् धा (धातु) हिय, अहिय; भाढाएदय् (धातु ) दयइ, दइय दुगञ्छणा, दुगु० जुगुप्सा मि, आढायमाण, मीण, आढायदया --- दुग्गइ दुर्गति माणाग, अणाढा०; समाहिय, सुदरिसण दर्शन दुचर दुश्चर समाहिय-; निह, निहेज, निहाय, दविय द्रव्य दुच्चरग दुश्चरक सुप्पणिहिय; परिहिस्सामि; पीहिदसम दशम दुज्झोसग दुग्णुपाल्य स्सामि, पहेसामि, पिहिय-; संदह ( धातु ) दहह, डहह, डउझइ, दुत्तिइक्ख दुस्तितिक्ष धाएइ, संधए, अभिसंधए; आढा. द०, समादहमाण, डह०, विडज्झ- दुपय द्विपद एमाण माण दुप्पडिवूहग, वृहण दुःप्रांत. धाई धात्री दा ( धातु ) दयाइ, देइ, दलइस्सामि, बृहणीय धारिण. दासामि, दाहामि, दत्त-, अदत्त-, दुब्भि, भि दुरभि धारिय धारिक अण्ण-; आइयन्ति, आइए, आइ- दुरइक्कम दुरतिक्रम धाव् (धातु ) संधावइ यावए; आइजर्माण, अणायमाण, दुरणुचर - धीर - -०मीण, आईट्ठ-आइडिग्- (आ- दुरभि - धुव, धुय ध्रुव दत्तार्थ ); अणाईय; आयाणिज्ज, दुरहियासग दुरधिवासनीय धू (धातु ) धुणाइ, धुणे, धूय-, आयाणीय; आइत्तु, आयाए, आयः दुल्लभ दुर्लभ _ विहूणिया, विधूय-, संविहूणिय उवाईयमाण; पाएज्जा; समाइयन्ति, दुवालसम द्वादश धूयर्- दुहित समायाए, समाय दुविद द्विविध धृ (धातु ) धारेज्जा, धारेत्तए, विदाढ दंष्ट्र दुव्वसु दुर्वसु(-मुनि) धारए दायाद - दुसंबोह दुःसम्बोध धौ (,) धोवेना, धोय दारुण - दुहओ द्विधातस् ध्या (,) झाइ, झायइ, निज्मादास - दूतम् (धातु ) दूइज्जा, दूइज्जेज्जा, दासी - दूइज्जमाण, ( हेमन्तगिम्हासु दोसु, - दाह डाह - रिजइ दूइज्जइ, दोहि वा पाएहि १ न ज्ञ दाहिण दक्षिण रिजइ दूइज्जइ-व्याख्या) २न - दिट्ठिमन्त् - दृष्टिमन्त् नक्ष (धातु) आणक्खेस्सामि, भण०, दिट्ठीय दृष्टिक दृश् (धातु ) अद( ६ )क्खू , आणि. दिय द्विज दिट्ट, दुद्दिट्ट, दटुं, दट्टण; दिस्सइ, नगर - दिया दिवा दीसई, अद्दिस्समाण, उवदंसेज्जा नगिण नग्न दिव (धातु ) परिदेवमाण देव - मट्ट नृत्य दिव्व दिव्य देसिय देशिक नड नट For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68