Book Title: Acharanga Sutram
Author(s): Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 55
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पतलस-पीड अकारादि-शब्दानुक्रमणिका इंज, निवइय; पडिवयमानः संप. परिस्मा परिक्षा पाईण प्राचीन परिमाण परिक्षान पाउ प्रादुस् पतेलस (पतेरस) प्रत्रयोदश- परिपाग (पलि०) परिपाक पाडियक दृष्टव्य पडिक पनयं पत्थियं वा तेरसमं वरिसं परिसंडल -- पाण पान जेसि परिसाण- प्रण त्रयोदशः परिमाण --- २ पाण प्राण वर्षम्. व्याख्या) परिमोक्न दृष्टव्य पलिमोक्ख पाणिण- प्रागिन् पत्त पत्र परिया परिवर्तन पामिञ्च प्राभित्य (पामिचंति अपपत्तिय प्रतीत परियंदण परिवन्दन रस्मादुच्छिन्नमुद्यत्कम्, व्याख्या) पत्तय प्रत्येक परियाय पर्याय (श्रामण्यकाल) पाय पात्र पद् (धातु ) आवजन्ति, आवा. ५ परियाव परिताप २ पाय पाद यए, परियावज्जन्ति, समावन्न, परिवन्दण ( परिय०) परिवन्दन पायर् - प्रातर् ( यथा प्रातराश ) . पार -(यथा पारग, पारगामिन् , अझोववन्न, पड्डान, समुपज्जेन्ति, परिस दृष्टव्य फरिस समुपज्ने, निवज्जइ, नियोजना. परिस्सव परिस्रव पारंगम) पडिवन, विप्पडियन, संपन्न परिस्सह परीषह पारुसिया पारुषता पडिसो प्रदिशस् परीसह , पालय् (धातु) पालेमाण, अणुपन्त प्रान्त पलाल -- (पलालपुञ्ज ) पालए, पालिय, पालिज्जा, ०पालेज्जासि पन्थ पन्थन् (पथिन् ) पलास पलाश पन्न प्राज्ञ पलिपाग दृष्टव्य परिपाग पाव पाप पन्ना प्रज्ञा पलिबाहर ( हिर) प्रतीपं आहरे पावग पापक पन्नाण प्रज्ञान चरणं संकोचए देसी भासाए- पावाइय प्रावादिक पन्नाणमन्त्- प्रज्ञानवन्स् व्याख्या पावाउय प्राबादुक पभंगुर प्रभङ्गुर पलिमोक्ख (परि०) परिमाक्ष १ पास पार्श्व पभिइ प्रभृति पलिय कर्म (पलियट्ठाण, पलिय- २ पास पाश पमाइण् . प्रमादिन प्पगन्य-इत्यादि) पासग पश्यक पमाय प्रमाद पवंच प्रपञ्च पासणिय प्रानिक पमुह प्रमुख पवा प्रपा पासिम दर्शनीय पमोक्ख प्रमोक्ष पवाय प्रवाद पासिमन्त्- (पस्सतीति पस्सिम १ पय पद पश् (धातु) पासइ, पासे, पस्स, पास, व्याख्या) २ पय प्रज पासह, पासन्तू-, अपासन्त-,पस्स- पिच्छ, पिञ्छ पिच्छ पयणु प्रतनु माण, पासमाण, पासिय; समणुप- पिट्ट (धातु) पिट्टा पयांग प्रतनुक स्सइ, स० पस्सह, स० पासह पिट्ट पृष्ठ पया प्रजा पतु (अप०) पशु ( स०) पिट्टि पृष्टि पर -- (परेण पर) परसुग(अप०) पशुक (अप०) पिण्ड - परम - पह पथ पिण्डोलग पिण्डोलक परिग्गह ( अप०) परिग्रह (अप०) पहु प्रभु पित्त - परिग्गहावन्त परिग्रहवन्त् पहेण (प्रहेणक) पिय ( अवि०) अय ( भप्रि.) परिणिन्वाण ( अप० ) परिनिर्वाण पा (धातु) अपिइत्थ, अपिवित्था, पियर- पितृ (अप०) पाउं, पायए, अपिबित्ता पीड् (धातु) पिइ, आलिए, For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68