Book Title: Acharanga Sutram
Author(s): Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Samiti

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Page 59
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वट्टमग-विश्] अकारादि-शब्दानुक्रमणिका armerrrram घट्टमग वर्मक २चा (धातु) पचायन्त वित्त - पद्यमग्ग वर्मन मार्ग ३ चा (धातु) उहायन्ति, उद्दवए, वित्ति वृत्ति बडमत्त बडभत्व उद्दवेयव्व १ विद् ( धातु ) वित्ता, विइत्ताणं, बहुमग, डु, वर्मक वाइण वादिन् वेएइ, वेएज्जा, बेयण, पवेएन्ति, बणस्सा वनस्पति चाउ वायु पवेयन्ति, पवेयए, पवेएस्सामि, घण्ण वर्ण वागरण व्याकरण पवेयइस्सामि, पवेश्य, पडिवेयमाण; वत्थ वस्त्र बाम विप्पडिवेएइ, पडिसंवेयइ, प० वेदइ, पत्थग वस्त्रक १वाय वात प० एइ प० वेय (य) न्ति । वत्थु वास्तु २ वाय वाद विद् (धातु विज्जइ, विज्जए, वद् (धातु ) वयन्ति, वयासी. वइ. वायस - निधिज्जा निविज्जे, निविद, स्सामि, वयन्त, वयमाण, अनवयः वाया ( वाच ) निधिण्ण माण; वइत्ता, अणुवयमाण, मीणः चाला (चमरी) विदिसा विदिश परिवयन्ति, वएज्जा, पवयमाण, १ वास वर्ष विद्वाय (धातु) विद्दायमाण, मणि २ वास - (विद्वांसो चयमित्येवमात्मानं मन्यवध , पहन्ति, वहन्ति; आभि- १ वासग वर्षक, मानाः --व्याख्या ) निव्वदेज्जा, निव्वह २ वासग वाशक विन्नाण विज्ञान वम् , वन्ता वि अपि विनयर--विज्ञान घमण वमन २वि विद विन्नु विज्ञ १ वय वयम् विइगिच्छा, गिच्छा विचिकित्सा विप् (धातु) परिवेपमाण, पवेवन्ति २ वय व्रत विइमिस्स व्यतिसिंथ विपरिमण्-(विदर्शिन् ) वयण वदन विउ विदु विष्परिणाम विपरिणाम २ वयण वचन विओवाय व्यवपाद, व्यापात; व्य- विपरियास विपर्यास वयस वचस् तिपात विप्पिय विप्रिय ववहार व्यवहार विक्रय विक्रय विमोक्खण विमोक्षण वस् ( धातु) वसे, वसह, वसित्ता, विग्गह विग्रह विमोह विमोक्ष अहियासेइ, अहियासए, अहिसे- विच् (धातु ) विगिचइ, विगिच- विथड विकट जासि, अहियासमाण, अहि- माण, विवित्त, विर्गिचित्ता वियड विकृत यासेमाण, अहियासिय, अहिया- विचित्त विचित्र वियन्त-कारग व्यन्तिकारक सेत्तए; अणुवासेज्जासि; आवसे, विजय - वियाघाय व्याघात आवसन्त, परिवासिय; संवसइ. विजा (या) णग विजानक विरह विरति वस वश विजंत् विद्वन् विराग - वसा - विजा विद्या विरुव विरूप वसु (वसु द्रव्यम् ) विणइण-विनयिन् वसुमन्त् विणय विनय विलुपित्तर । वह ( धातु) वज्झमाण; परिव- विणा विना विवाय विवाद हित्तए वितण्ड - विवेग विवेक वह वध वितद्द वितर्द विश् (धातु) पाविट्टयर (ग), १ वा व वा ( विकल्पार्थक) वितह वितथ निविट, विनिविटः पविसए, पविसि विलंपयित्तर विलम्पयित For Private And Personal Use Only

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