Book Title: Acharanga Sutram
Author(s): Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Samiti

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Page 49
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कन्ध- ] अकारादि-शब्दानुक्रमणिका . कुछिन् कन्ध स्कन्ध कासकस काषंकष करिस्सामो, करन्न,-अकुर्वन्त, कप्प का काहीय कथिक कुव्वमाण; गड, अकड, दुक्कड, सुकड, कब्बड कर्बट कि - कय, किरिय, कायव्य, अकरणिज्ज, कम्प (धातु) अविकम्पमाण पिडा क्रिडा अकरणीय;कट्ट,किच्चा कज्जइ,किज्जइ, कम्बल किण्ह कृष्ण कज्जन्ति, कीरन्त, कीरमाण; कारेइ कम्म कर्मन् कित्ति ( अकि० ) कीर्ति (अकी.) कारेन्ति, कारवे, कारेत्था, कारॉवेसुं, कय (विक्य) क्रय ( विक्रय) किमण कृपण काराविस्सं, काराविस्सु, कारावेस्स; कयवर कवर किरिया क्रिया पकरन्ति, पकरेन्ति, पकुव्वइ, पकुकयाइ कदाचित् किव (वि)ण कृपण व्वमाण; पगड, संखय कर ,री - किस कृश २ कृ (धातु) उवकरिंसु करण - किह कथा कृश (,) कसेइ करणया करणता कीर्तय (धातु) किट्टइ, कि? कृष् (,) उकसे, उक्कसिस्सामि, कलह कुआ कुतस् विउकसे, वुकिसिस्सामि, अवकस्सणं कलुण करुण कुक्कुय कोकृत क्लप (धातु) कप्पइ, पकप्पेइ,कप्पे, कल्लाण कल्याण कुक्कुर कप्पिया; पकप्पयन्ति, पकप्पेन्ति कवाल कपाल कुच् (धातु) अपलिउञ्चमाण, स- केयण केतन कशाय (धातु) कसाइत्था कुचए, संकुचिय, संकुचमाण को कोष्ठ कषायय, कसाइय, संकसाइय कुचर चोरो पारदारिया य (व्याख्या) कसाइए कुट्ट (धातु) आउद्दे, विउट्टन्ति कोणि - 8 कसाइण. कषायिन् कुट्टिण्० कुष्ठिन् कोल (घुणा,उद्देहिया वा;व्याख्या) कसाय कषाय कुणिय कुणिक कोविय कोविद कसायय कषायक कुण्टत्त कुण्टत्व कोह क्रोध कहंकहा कथंकथा कुण्डल - ऋन्द (धातु) कन्दइ, कन्दिसु कहा कथा कुन्त क्रम् (धातु) चंकमित्ता, चंकभिय, काउ काय कुन्तग कुन्तक चकमिय, उवाइकन्त, उपाइकम्म; कांक्ष (धातु) खेज्जा, अभि. कुप् (धातु) कुप्पन्ति, कुप्पेज्जा अभिकभ, अभिकममाण, अणमिकमे, खेज्जा, अवकंखइ, अवकंसन्ति, कुम्भार - अणमिकममाण, अवकज्जा , अवअणवकखमाण, • कंखे. कुम्म कूर्म कभित्ता; अक्कन्त; अणुकन्त, विउकाणत्त काणत्व कु.म्मास कुल्माष कम्म; निकन्त, दुणिकन्त, निकम्म, काणिय काणक अमिनिकन्त; पडिनिकमित्त; पडिकाम - कुस कुश कमे, पडिकममाण; परकमे, परककामिण कामिन् कुसल कुशल भेजा, परकमेज्जासि; परकमन्त, काय कुसील कुशील परकममाण; दुप्परकन्त, विपरिकायर कातर कमन्ति, विप्परिकम्म; उवसंकमन्त, कूर क्रूर कार - १ क (धातु) करेमि, करेइ, करेन्ति, उपसंकमित्ता, उवसंकभित्त कारण - करए, कुज्जा, कुबह, अकरेसुं, फ्री ( धातु) किणे, किणावेइ, किकारिण० कारिन् अकरिस्मुं, अकासी, अगासं, कुव्वि- णन्त, कीय काल - स्था; करिस्स, करिस्सामि करिस्सइ, क्रुध ,,) कुज्झे कुल For Private And Personal Use Only

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