Book Title: Acharanga Sutram
Author(s): Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
Publisher: Jain Sahitya Sanshodhak Samiti
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अकारादि-शब्दानुक्रमणिका
अ च आइदुक्ख अतिदुःख अइमाण अतिमान अइवत्तिय अतिवृत्तिक अइवाइय अतिपातिक अइवाय अतिपात अइविज्ज अतिविद्य अइविजं अतिविद्वान् अइविण्णू अतिविज्ञ अइवेल अतिवेल माइहि अतिथि अवन्द आक्रन्द अगाणि अग्नि अगार (गृह) अग्ग अग्र
मुलि - अथा अर्चा अच्छायण आच्छादन अच्छि अक्षि मजिण अजिन १ अज अद्य, २ अज आर्य अजव आर्जव अजविया आर्जवता १अज्झत्थ अध्यात्म २ अज्झत्थ अध्यस्त अज्झस्थिय भध्यात्मिक अज्सप्प अध्यात्म अट्ट आत १ अट्ठ अर्थ २ अट्ठ अष्टन् अट्ठम अष्टम भट्ठया भर्यता
'आविण्० अर्थिन् , २ अद्विण अस्थिन् अट्रिय आर्थिक १ अणु अणु, २ अणु अनु अणुगामं अनुग्रामम् अणुगामिय अनुग्रामिक अणुट्टइण्० अनुस्थायिन् अणुट्ठाण अनुष्ठान अणुदिसा अनुदिश् अणुधम्मिय अनुधर्मिक अणुपस्सिण्० अनुदर्शिन् अणुपुत्व अनुपूर्व अणुवसु अनुवसु अणुवीइ अनुविचि अणुसंवेयण अनुसंवेदन अण्डय अण्डज अत्तणू० आत्मन् अत्तत्त आत्मत्व अत्तत्ता आत्मता,-आत्मत्राण अत्थ अर्थ आस्थ अर्थिन् अदु यद् उ अदुवा यद् उ वा,-यदि का,
यदूवा १ अद्ध अध्वन्, २ अद्ध-अर्ध अन्तराइय आन्तरायिक अन्तसो अन्तशः अन्तिय अन्तिक अन्तो अन्तर् अन्धत्त अन्धत्व अत्र अन्य
अन्नत्थ अन्यत्र अन्नयर अन्यतर अन्नहा अन्यथा अन्नोसिय अन्वेषिक अप्प अल्प अप्पग आत्मक अप्पण्० आत्मन् अब्भंगण अभ्यङ्ग,-अभ्यञ्जन अभिताव भभिताप अभिवाय आभिवात अभिसंकिण्० अभिशकिन् अभिसेय अभिषेक अमरायइ अमरायत ( अमर इवा.
चरति) आम्बिल आम्ल अयं ( सर्वनाम) अयं, अणेण,अ.
स्स, भस्सि अरहन्त० अर्हत् अरिह अर्ह अरिहर अर्हति अलद्धग अलब्धक अवं अवाञ्च अवचइय अपचयिक अवम हीन अवमारिय अपस्मारिक अवयहि भवतष्टि अवर अपर अवसकिण भपष्वष्किन् अवि आप अस् (धातु) अंसि, भत्थि, सन्ति, सिया, असिया, आमि, सन्त, अणुसिया
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