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अच्छा नहीं माना जाता। अंगूठे के मूल में जीवन रेखा तक शुक्र पर्वत का स्थान है। इसकी स्थिति का भी ठीक प्रकार से निरीक्षण करना चाहिए।
शुक्र से तर्जनी उंगली की ओर मस्तिष्क रेखा से नीचे मंगल का स्थान होता है। यह मंगल अंगूठे वाला मंगल कहा जाता है। यह जीवन रेखा के घेरे में होता है। ___अंगूठे वाले मंगल से बुध वाले मंगल को मिलाने वाला क्षेत्र मंगल क्षेत्र कहा जाता है, जो हृदय रेखा व मस्तिष्क रेखा के बीच का भाग है। परन्तु जब हृदय व मस्तिष्क रेखा एक होती है तो मस्तिष्क रेखा के ऊपर का भाग मंगल क्षेत्र कहा जाता
= समकोण हाथ== समकोण हाथ को सर्वोत्तम हाथ माना जाता है। समाज के विशिष्ट व्यक्तियों के हाथ प्रायः इसी प्रकार के होते हैं। इस हाथ की आकृति चौकोर होती है। हथेली, उंगलियां, अंगूठा आदि सभी चौकोर होते हैं। उंगलियां पीछे से मांसल तथा उत्तरोत्तर पतली होती जाती हैं, फलस्वरूप उंगलियों के बीच में छिद्र नहीं होते। छिद्र न होना इस हाथ की मुख्य पहचान है। नाखून वाले भाग पर मांस कम हो जाता है। देखने में यह हाथ सुन्दर होता है। नाखून में पाये जाने वाले चन्द्र बड़े व त्रिकोण प्रकार के होते हैं। ऐसे व्यक्तियों की आकृति भी चौकोर ही होती है, विशेषतया इनका मस्तिष्क चौकोर होता है। सारा शरीर मांसल, हृष्ट पुष्ट व कोमल होता है। देखने में ऐसे व्यक्ति सुन्दर होते हैं। इस हाथ में कोई भी ग्रह विशेष प्रधान नहीं होता, सभी ग्रह उभरे हुए नज़र आते हैं। परन्तु शुक्र और बृहस्पति उन्नत दिखाई देते हैं।
पूर्ण समकोण हाथ में न ही जीवन रेखा व मस्तिष्क रेखा कटी-फटी होती है, न ही हृदय रेखा की कोई शाखा मस्तिष्क रेखा पर मिलती है। इस हाथ की उंगलियां टेढ़ी-मेढ़ी या तिरछी नहीं होती और भाग्य रेखा पूर्ण होती है। अन्य सभी रेखाएं भी पूर्ण ही होती हैं, अधूरी नहीं। इस प्रकार का हाथ समकोण हाथ कहलाता है।
ऐसे व्यक्ति भावी, उच्च विचार, उच्च रहन सहन वाले, धनी, सचरित्र, कुटुम्ब वाले, उन्नत, प्रसिद्ध, धैर्यवान व बुद्धिमान होते हैं। इनकी परख शक्ति बहुत अच्छी होती है। ऐसे व्यक्तियों को जीवन में सभी प्रकार का सुख मिलता है। यह बात दूसरी है कि अन्य रेखाओं के प्रभाव से इसमें कमी रही हो, परन्तु अधिकतर ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में पूर्ण सुखी रहते हैं।
समकोण हाथ में बृहस्पति प्रधान होता है। बृहस्पति बुद्धि व शासन का प्रतीक है, अतः ऐसे व्यक्तियों में शासन की योग्यता व बुद्धिमत्ता उत्तम कोटि की पायी जाती है। इनमें अपने परिवार को उन्नत करने की आकांक्षा होती है। ये रूढ़िवादी होते
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