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मा
कला वही है जो सौन्दर्य का सबक सिखाती है । कला विश्वार को मूर्तिमान् करती है । सच्ची 'कला' ईश्वर का भक्तिमय अनुसरण हैं ।
कला
है जो कला आत्मा के दर्शन की शिक्षा नहीं देती, वह कला -गामधी
कला ही नहीं हैं ।
- एमर्सन
- ट्राईन एडवर्डस्
सर्वोच्च कला हमेशा धर्ममय होती है और महत्तम कलाकार भक्त होता है ।
कला तो सत्य का केवल शृंगार है । हरिभाऊ उपाध्याय कला – कला के लिए नहीं बल्कि समाज को उन्नत बनाने के लिये है ।
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कला की परिपूर्णता कला को छिपाने में है ।
उपयोगी कलाओं की जननी है 'आवश्यकता' और ललित कलाओं की जननी है ' विलासिता '। पहली बुद्धि से उत्पन्न हुई है और दूसरी प्रतिभा से पैदा हुई है ।
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शोपेनहोर सत्य की भूमि पर मायासृजन यही है ललितकलाओं का रहस्य | निरा सत्य उनका ध्येय नहीं हो सकता । लोगों को खुश करने की कला दुनियां में आगे बढ़ने की कुंजी है ।
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