Book Title: Upang Prakirnak Sutra Vishaykram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Jain Pustak Pracharak Samstha

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Page 8
________________ औ०१९ रा०२० जी०२१ प्रज्ञा०२२ अहवा तिविहा० पजत्तगा०२१-२५३सू० | अहवा सव्वं चित्र अंतो मणुस्सखेत्ते २७-५८ २७-१०७५ सूर्य०२६ अहवा तिविहा० परित्ता० २१-२५२सू० अहवा सुवण्णमासा २७-५१२ अंतोमुहुत्तकालो अहवा तिविहा० भवसिद्धिया अह सो आलोअणदोसजिथं २७-२९७ अंधियपत्तियमच्छिय २२-१११ नि० २३ २१-२५६सू० अह सो जिणभत्ति० २७-१२ अंबटा य कालंदा य २२-१९९प्रकी०२७ अहवा तिविहा० सपणी० २१-२५५मू० अह सो दुक्कडगरिहा २७-५५ आइञ्चतेअतविआ अहवा तिविहा० सुहुमा २१-२५४सू० अह सो निराणुकंपो २७-६७० अहवा दसविधा०पढमसम २१-२७३सू० अह सोवि चत्तदेहो | आइच्चतेयतविया २७-८६३ अहवा दुविहा० चरिमा चेव २१-२५०सू० अह सो सामाइअधरो २७-३०९ आउब्वेयसमत्ती २७-१२४८ अहवा दुविहा०सभासगा य२१-२४९सू० अह हुज देसविरओ २७-३०४ आउसो! एवं जायस्स २७-१३सू० अहवा दुविहा सव्वजीवा०२१-२४८९० अंजणगुणसुविसुद्ध आउसो! जंपिइमं सरीरं २७-१६सू०(व) अवा दुविहा सव्वजीवा २१-२४६सू० अंतरं बायरस्स० २१-२३७सू० आउसो! तओ नवमे मासे २७-११सू० अहवा पंचविहाणेरइया०२१-२६३सू० अत्तं(न्तं)परजोगेहि य २७-१३४१ आउसो! से जहानामए २७-२७सू० अहवा सत्तविहा० कण्हलेस्सा अंतो चउरंसा खलु आकंपणं अणुमाणणं २७-१३५८ २१-२६७सू० | अंतो णं भंते ! मणुस्स० २१-१८०सू० | आगममयप्पभाविय २७-१४०३ अहवा समाहिहे २७-६७६ | अंतो पं० माणुसुत्तरस्स० २५-१५१सू० | आगरसमुट्ठिय तह २७-१५८१ २७-१५८७ | अंतो मणुस्सखेत्ते २१-७२ आणयपाणयकप्पे अहवा समाहिहेउं सागारं २७-३२१ । २२-१५६ SOXTADA

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