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जन्म-कुण्डली जन्म: चैत्र मुदी १३, मोमवार, ई. पू. ५९९; नक्षत्र : उत्तग फाल्गुनि, मिद्धार्थी मंवत्सर (५३); राशि-कन्या, निशान्त समय
महादशा : बृहस्पति; दशा : शनि; अन्र्तदशा : बुध जन्म-स्थान : वैशाली-कुण्डलपुर (क्षत्रिय कुण्डग्राम) पिता : सिद्धार्थ; नाना-चेटक माता : त्रिशला; नानी-सुभद्रा कुल-नाथ, जाति-लिच्छवि, वंश-इक्ष्वाकु, गोत्र-काश्यप
१ 'दृष्टे ग्रहैरथ निजोत्त्वगतः समप्रैलंग्ने यथा पतितकालमसूत .राशी। चैत्रे जिनं सिततृतीयजया निशान्ते सोमान्हि चन्द्रमसि चोत्तर फाल्गुनिस्थे ।'
-प्रसग कवि, वर्धमान चरित्र, १७।५८. (उच्च ग्रहों द्वारा लग्न के दृष्टिगोचर होने पर, चैत्र शक्ला त्रयोदशी सोमवार को उत्तर फाल्गुनि नक्षत्र पर चन्द्र की स्थिति होने पर निशा के अन्त भाग में रानी ने तीर्थकर महावीर
को जन्म दिया ।) (क) 'चत्र सितपक्ष फाल्गनि शशांक योगे दिने त्रयोदश्याम् ।
जज्ञे सर्वोच्चस्थेषु गृहेषु सौम्येषु शुभलरने ।' (ख) 'मच्छिता णवमासे अट्टयदिवसे चइत सियपक्खे।' -जय धवला, भाग १, पृ. ७८.