Book Title: Tamilnadu Digambar Tirthkshetra Sandarshan
Author(s): Bharatvarshiya Digambar Jain Mahasabha Chennai
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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हैं । ध्यानावस्थित भगवान् की मुद्रा चित्ताकर्षक है । यहाँ शिवरात्रि के समय (आदिप्रभु का मोक्ष दिन) बहुत बड़ा मेला लगता है । यह स्थल कांजीपुरमं से करीब १२ किलोमीटर की दूरी पर है । बस का साधन है। दर्शन करने योग्य है ।
पेरुनगर :- यह चेंगलपटु जिला, मदुरांतकं तालुका, मदुरांतकं से उत्तर-पश्चिम में २५ कि. मी. की दूरी पर है। इस गाँव के पूर्व में एक जिन मंदिर शिथिल होकर गिरा हुआ है। इस मंदिर के पत्थरों को ले जाकर जैनेतरों के द्वारा कृष्ण मन्दिर बनवा लिया गया है । इस तरह लोगों का कथन है।
नॉर्थ आर्काड सर्कल (जिला) सेतूर :- आरनी शहर से उत्तर-पश्चिम में यह गाँव है । यहाँ एक पुरातन जैन मंदिर है । मूलनायक वृषभनाथ भगवान् है । यह नई प्रतिमा श्रीनिर्मलकुमारजी सेठी महासभा अध्यक्ष के द्वारा विराजमान कराई गई है । यहाँ जैनियों के ६० घर है । लोगों में जिन-भक्ति एवं मुनि-भक्ति है।
अनन्तपुरं :- यह आरनी से दो कि.मी. पर है । यहाँ एक प्राचीन छोटा सा जिन-मंदिर है। मूलनायक आदिनाथ भगवान् है । यहाँ पर अभी जैनियों के २० घर है ।
आरनी :- यह नॉर्थ आर्काड जिले में एक छोटा सा शहर है। यहाँ एक विशाल आदिनाथ भगवान् का जिन मंदिर है । दाहिनी और ५०० आदमियों के बैठने योग्य सभा मण्डप है और सामने उत्तुंग मानस्तंभ तथा ध्वजस्तंभ भी है। मंदिर शिखरबद्ध है और सुव्यवस्थित है । मूलनायक आदिनाथ
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