Book Title: Tamilnadu Digambar Tirthkshetra Sandarshan
Author(s): Bharatvarshiya Digambar Jain Mahasabha Chennai
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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( कोंगुनाडु) सेलम् कोयम्बत्तूर जिला सेलम :- यह जिले का प्रधान शहर है। यहाँ की नदी के किनारे एक जिनमूर्ति थी। दूसरी मूर्ति कलेक्टर के घर (बंगला) के और चर्च के बीच में थी अभी नहीं है। यहाँ एक नवीन मन्दिर है जो कि उत्तर भारत से आये हुए खंडेलवाल दिगम्बर जैनों ने बनाया है। मूलनायक भगवान् महावीर स्वामी है। खंडेलवाल दिगम्बर जैनों के १५ घर हैं। सभी संपन्न हैं और धर्म श्रद्धालु भी हैं । बराबर पूजा भक्ति करते हैं।
विजयमाल :- इराड़ तालूका में विजयमंगल रेल्वे स्टेशन से उत्तर में ५ कि.मी. पर पुत्तूर गॉव में एक जैन मन्दिर है। मूलनायक आदिनाथ भगवान है। यहाँ कई मूर्तियां हैं । विजयमंगलं में चन्द्रप्रभ तीर्थंकर का जिनमन्दिर है । पेरुंकथै नाम के तामिल काव्य के रचयिता कोंगुवेलिर का जन्म स्थान यही था । सिलप्पधिकारं तामिल काव्य के व्याख्याता ‘अडियाक्कुनल्लार' का जन्मस्थान भी यहीं बताया जाता है।
कोंगुवेलिर एक राजा था। संस्कृत और तामिल भाषा का प्रख्यात विद्वान् था । वह पेरुंकथै काव्य का कर्ता भी था । विद्वानों का भारी आदर करता था। इसलिए उक्त मन्दिर में पॉच विद्वानों की मूर्ति बनवाकर स्थापित की थी। आज तक वे मूर्तियाँ मौजूद है । इस राजा के बारे में विदेशी विद्वान् 'टून्निसन' का कहना है कि राजा ने तामिल विद्वानों का संघ ( The ideales of the tamil king) स्थापित किया था। यहीं तामिल संघ का स्थान था। इसके राजमहल की नौकरानी भी तमिल भाषा की विदुषी थी। यह बात आश्चर्य की है।
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