Book Title: Tamilnadu Digambar Tirthkshetra Sandarshan
Author(s): Bharatvarshiya Digambar Jain Mahasabha Chennai
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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इस तरह अलग-अलग व्यक्तियों से प्रतिमायें बनवाई गयी है। उन के पूरे नाम लिखने से ग्रंथ बढ़ जायेगा ।
उत्तम पालयम
मदुरै जिले में इस गॉव के उत्तर-पश्चिम पर तीन फर्लांग दूर एक बड़ी चट्टान है । उस पर तीर्थंकर भगवान् की २१ प्रतिमायें बनी हुई हैं। इसके नीचे निर्माताओं के नाम भी अंकित है । इसके पास में एक जलाशय है। लोग उसमें से पानी भर ले जाते हैं। पानी स्वच्छ एवं निर्मल है ।
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मेत्तुपट्टीमलै, करलीपट्टीमलै, तिरूपरनकांड्रम्मलै आदि अनेक पर्वत इस समय ऐसे हैं जिनके ऊपर और अन्दर के अवशेषों एवं उत्कीर्ण बिम्बों आदि से जैनत्व के पुष्ट संकेत मिलते हैं 1 तिरुनेलवेली जिला
अरुगमंगलं :- वैगुण्ड तालुका मारमंगलं गाँव का शासन अरुगमंगलं का विवरण देता है । अरुग का अर्थ है 'अरहंत', इससे पता चलता है कि भगवान् अरहन्तदेव के नाम से यह गाँव रहा होगा । आज भी इस गाँव का नाम अरुगमंगलं है। इससे जान पड़ता है कि पहले यहाॅ जैन लोग रहते थे । तिरुचेन्दूर तालूका में आदिनाथपुरं नाम का गाँव है । आदिनाथ वृषभदेव का नाम है । गाँव का नाम भगवान् के नाम पर है। इससे मालूम पड़ता है कि यहाँ जैन लोग अवश्य रहते थे । इसीलिए गॉव का नाम आज तक भगवान् के नाम पर प्रसिद्ध है ।
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यह गॉव ऐयनार कोविल के नाम से पुकारा जाता है । यह कोविलपट्टी तालूका में है । संकर नयिनार कोयिल के पूर्व में १५ कि.मी. पर है। यहाॅ के पहाड़ की चट्टान
कलुगुमलै
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