Book Title: Tamilnadu Digambar Tirthkshetra Sandarshan
Author(s): Bharatvarshiya Digambar Jain Mahasabha Chennai
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha

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Page 157
________________ به ه ه ه ه ه ه ه ه ه ه ه ه ه पुरस्तात् त्रिजगत: को विस्मयोऽत्र भानुकरप्रतापम् त्रिजगतः शुभ भूति वनति प्रपाता वचसां शुभत्प्रभा भूरि लोकेत्रये द्युति सोम सौम्याम् गुणैःप्रयोज्यः ऐरावताभमिभमुद्धत क्रमगतं संश्रित ते नागदमनी बलवतामपि नक्रचक्र भवतः स्मरणाद् भुग्नाः मा स्मरतः सद्यः तस्याशु नाश यस्तावकं विविध ه परस्तात् त्रिजगती चित्रं किमत्र भानुकरप्रभावम् त्रिजगती शिव/सुख भूरि नंदति प्रयाता वचसां चंचतत्प्रभा भूति लोकेत्रयधुति सोमसौम्या गुणैःप्रयोज्यः ऐरावताभमिभमुत्कट क्रमगतान् संश्रिताँस्ते नागदमनो बलवतामरि नक्रचक्रे तव संस्मरणाद् भुग्नाः सद्यो स्मरन्ति नाथ ! तस्य प्रणाश यस्तेऽनिशं रूचिर ه ه ه ه ه ه ه ه ه ه ه ه ه م 122 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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