Book Title: Tamilnadu Digambar Tirthkshetra Sandarshan
Author(s): Bharatvarshiya Digambar Jain Mahasabha Chennai
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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इस कलह के कारण जैनों के मठ, मकान आदि तोड़कर नष्ट कर दिये गये थे। अब वह तालाब १८ एकड़ विस्तीर्ण में है। पहले इसके किनारे पर जैनों की जमीनें थी। उन सबसे बलपूर्वक छीनकर तालाब बड़ा कर दिया गया ।
सेन्दलै :- तंजाऊर तालुके में यह गाँव है । इसके शैव मन्दिर की दीवार पर एक शिलालेख है । वह बतलाता है कि नक्कनीति नाम की महिला ने जैन मन्दिर के लिए सोना दान दिया था। इससे पता चलता है कि यहाँ जैन लोग रहते थे और जैन मन्दिर था तथा उसको सोना दान दिया गया था ।
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मन्नारगुड़ी :- यह तालूका है । पूराने जमाने में यहाँ जैन लोग अधिक संख्या में रहते थे । अब यहाँ जैनों के ३० घर है । यहाँ एक विशाल जैन मन्दिर है। यहाँ का राजगोपाल स्वामी मन्दिर (अजैन) का ध्वजस्तम्भ जैनों के मानस्तम्भ के समान होने से यह मन्दिर जैन मन्दिर रहा होगा। मन्नारगुडी का जैन मन्दिर किले के समान सुदृढ़ है । मन्दिर का मूलनायक भगवान् मल्लिनाथ है । क्षेत्रपाल और ब्रह्मदेव की वेदी है । देवी ज्वालामालिनी का अलग मन्दिर है। यह देवी शक्तिशालिनी मानी जाती है। लोग इसकी मनौति करने दूर-दूर से आते हैं । अजैन लोग भी आते हैं । अभीष्ट फल पाते हैं । यहाँ धातु की कई मूर्तियां है। शासन देवताओं की मूर्तियां भी है। तंजाऊर चैत्यालय से भी कुछ मूर्तियां लाकर रखी गई है। स्वस्तिक वेदारण्यं अनन्त राजय्यन मुदलियार के घर वालों की तरफ से इसका जीर्णोद्धार परी तरह से होकर पंच कल्याण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है। अब मन्दिर सुन्दर बन गया है। उसकी हानि किसी तरह से नहीं है । मन्दिर की जमीन है । यह मन्दिर
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