Book Title: Tamilnadu Digambar Tirthkshetra Sandarshan
Author(s): Bharatvarshiya Digambar Jain Mahasabha Chennai
Publisher: Bharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
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अगरकोरक्कोट्टे 1:- यह तेल्लार के पास है। यहाॅ श्रावकों के लगभग १२ घर है । श्रीभगवान् पार्श्वनाथ स्वामी का छोटा सा जिनालय है। धातु की मूर्तियाँ भी है । जीर्णोद्धार किया जा रहा है । यहाँ पढ़े-लिखे लोग रहते हैं। धर्म प्रचार की आवश्यकता है ।
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पेरिय कोरक्कोट्टै :- यह अगरकोरक्कोट्टे के पास है। यहाॅ २००० वर्ष प्राचीन आदिनाथ भगवान् का सुन्दर जिनालय है। धातु की प्रतिमायें काफी है। तीन चौबीसी की प्रतिमा विशेष आकर्षक है । मन्दिर का जीर्णोद्धार हुआ है। यहाॅ जैनों के ६० घर है। पढ़े-लिखे लोग ज्यादा है । गॉव से दूर एक चट्टान पर चरणपादुकायें हैं। बगल में पिच्छी कमण्डुलु सहित मूर्ति उत्कीर्ण है । चट्टान पर चढ़ने की १०-१२ सीढ़ियों है । किसी मुनिराज का समाधि स्थल मालूम पड़ता है । फिलहाल यहाँ पंचकल्याणक हुआ है । महासभा से अनुदान दिया हुआ है ।
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अरुंगावर : (चित्तरुकावूर) यह एक छोटा सा गाँव है जो कि जंगम्बूण्डी के पास है । दोनों गॉवों में मिलकर करीब १५ श्रावकों के घर है । जंगम्बूण्डी में मन्दिर नहीं है । अरुगावू में आदिनाथ भगवान् का जिन मन्दिर है। धातु की प्रतिमायें हैं। मन्दिर छोटा है परन्तु जीर्णावस्था में है। जीर्णोद्धार की बड़ी आवश्यकता है ।
मंजपट्टु :- यह गॉव देसूर से ५ कि.मी. पर है। यहाॅ १५०० वर्ष पूराना मल्लिनाथ भगवान् का जिनालय है । इसका जीर्णोद्धार हो चुका है। पंचकल्याणक भी हो गया है। यहाॅ ३० श्रावकों के घर है । अन्य धातु की प्रमिमायें हैं। यक्ष-यक्षिणियों भी है। यहाॅ ताड़पत्र के शास्त्र भण्डार है। महासभा से अनुदान दिया गया है।
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