Book Title: Sudrishti Tarangini Author(s): Tekchand Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 8
________________ Home :- TATEMERE RAM १७० गावा पर सपकाव पूठपकाणयहन्ता व वहनी बसपदमा पश्चिम रविसिस उर्स वगाय गिरिमिहर पिताहणे पुरवाय ५०१ ५२७ ५२८ दृषिपाततत्वविचारा बोष तव चारतो पृह संख्या | पाबा पृष्ठ पक्ष्या गाथा पत्र संख्या | गया १४ मविपतंगदहकावा २०७. विस्यय जीवय जीवो ३७ | संवत मीत मनितो | मिन्य तविकृश्ये ११३ | भ सुमायौ पादा १२० सुरतरुचिन्तारमणों मग तण घर पुर देमा ३२९ | हमण तियाटमा ५१२ सहित कन्यपधागो मायागमयसहो 116 वाह वा असण सध्यातिसतह पोस तर दिगिमती ५२६ मवर किमयाभावो ५०१ मदशो मदायक ५३४ सिसिविधाय कुत्ताविधि साम दम पर बवाणी २७ | सिव मिद जामदारय सोता मुहय जयुहो सोमाणो सिवनशे १४३ | रायवरामहरायो २५ सुरथ सुणारप मसयो 10 सिंहल बाधाकरा | रण पण गरि पास यात्रा सूरोपवरझायनपसा सुर सुहकर सिवकारक रोगे रश संगास सार समामा दयों १४३ सिसरो जमा रोगीसोलुपलदो सह दुहवाणदिहियो चिरसिंगन परसिंगो रस पीसय बेहपावई सुकसाठणीकपमुई २६६ स्वाणष्यणहिगमगो २७४ वघा सवणागहयाँ संचयपिणीपायी २१० षट् गुण चव विद्यार १६] वावगा इकसप बउको २०० सवरवटीचिंगालो २१२ ३७ वयणी पादपो २६६ सुकापडतीबक मागो १२६] बाघ सस्साराजसाणी हिसानिय ३०७ सर मलागत तरुचाया २५५] वैद्यो वायत शेगो | हार विहार झे ३१२ सरसा पय पुसगंधड ३२३॥ २५ वरसतसंग अपमाणो हरिहल सुरवगचको ३२८ सुख सुणियपक्षण गयोगा ૧૧ २८० | विजन अर्थ समागत ३५ सोगोरक्षजे दम्य ३५६ ५२९ ५३० ሃህ १७ मिक्षक प्रगपापबांधय मोपप बारसमानी ३५० ३५ भर २०२ २५२ 123 मद वसुसम्मक दोसउ मगत णिमितहक मश इन्दियजयसूरा मरापयशाण प्रतादामन्तगकक्षय माकपाकरणगा BEPage Navigation
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