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तीर्थंकर महावीर उवाच
मंगल-वचन
१. सच्चं लोगम्मि सार-भूयं ।
- आचारांग सूत्र (लोक में सार-भूत तत्त्व, सत्य है ।) २. सच्चस्स आणाए, उवट्टिओ मेहावी, मारं तरइ । - आचारांग सूत्र
(सत्य-पालन में स्थित साधक, मृत्यु पर विजय प्राप्त कर लेता है। वह मृत्युञ्जयी बन जाता है।) ३. तं सच्चं खु भगवं।
- प्रश्न व्याकरण सूत्र (सत्य ही भगवान् है।)
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