Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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2. Hand's Structure & Properties
अध्याय - 2 - हाथ की बनावट प्रकार और
गुण
हाथ का मस्तिष्क के हर भाग से सीधा सम्पर्क होता है। इसलिए वह न केवल सक्रिय विशेषताओं के सम्बन्ध में बताता है, बल्कि उन विशेषताओं का भी निर्देशन करता है जिनका विकास अभी होना है या जो अत्यधिक प्रभावशाली है। जहां तक सामुद्रिक शास्त्र का प्रश्न है, चेहरा इतनी अधिक सरलता से नियन्त्रित हो जाता है कि उसे देखकर पूरी तरह सही निष्कर्ष नहीं हो पाता ।
अनेक व्यक्तियों की हस्त रेखायें भिन्न-2 होती है क्योंकि सभी का चरित्र और विशेषता एक-दुसरे से भिन्न होता है। हस्त रेखा विज्ञान का अध्ययन करने से पहले हाथ का आकार-प्रकार का भेद जानना अत्यन्त आवश्यक है। मोटे तौर पर अपरचित व्यक्ति के चरित्र की कुछ बातों की जानकारी सीमित समय में हो सकती है परन्तु विस्तृत जानकारी के लिए ज्यादा समय खर्च करना पड़ता है इसके निम्नलिखित भेद हैं।
1. प्रारम्भिक हाथ
2. वर्गाकार हाथ
3. दार्शनिक हाथ
4. कर्मठ हाथ
5. कलात्मक हाथ
6. आदर्श हाथ
7. मिश्रित हाथ आदि ।
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