Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
View full book text
________________
रेखा चतुर्भुज में एक तारक चिह्न तीसरी उंगली की जड़ से पहले पर्व की एक रेखा-सम्मान तथा उच्च स्थान। • जीवन रेखा से मस्तिष्क रेखा के मध्य को उठती हुई शाखायें, ये सम्मान तथा धन भारी संघर्ष के पश्चात प्राप्त। • मस्तिष्क रेखा से एक रेखा बृहस्पति पर्वत पर तारक चिह्न में समाप्त - असाधारण सफलता। • भाग्य रेखा दोनों हाथों में त्रिकोण के अन्दर से उठती हुई साथ में स्पष्ट लम्बी मस्तिष्क रेखा-शुभ सहायक अवसर। • जीवन रेखा का अन्त शाखापुंज में, कलाई के पास नीचे एक महत्वपूर्ण परिवर्तन वाली घटनायें। • भाग्य रेखा चन्द्र पर्वत से उदित और स्पष्ट तथा सीधी शनि पर्वत को-दूसरे के सनकीपन से धन का लाभ। • स्पष्ट सूर्य रेखा बृहस्पति पर्वत पर एक तारक चिह्न अनामिका उंगली की जड़ से उदित पहले पर्व के जोड़ पर समाप्त रेखा-प्रसिद्धि की सूचक। • भाग्य रेखा बृहस्पति पर्वत से आरम्भ अथवा भाग्य रेखा बृहस्पति पर्वत पर समाप्त-सम्पूर्ण आकांक्षापूर्ति ।
118